
कठुआ 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । तीन दिवसीय बसोहली उत्सव बड़ी सफलता के साथ शनिवार को संपन्न हुआ, जिससे आगंतुक विविध प्रकार के कार्यक्रमों से मंत्रमुग्ध हो गए। संभागीय प्रशासन की देखरेख में आयोजित यह उत्सव बसोहली के सुंदर शहर में हुआ, जिसे विश्वस्थली के नाम से भी जाना जाता है, जो क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करता है।
बसोहली उत्सव के समापन दिवस पर संभागीय आयुक्त जम्मू रमेश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि यह उत्सव विश्वस्थली के रूप में शहर के ऐतिहासिक महत्व को बहाल करने के लिए आयोजित किया गया था, एक शीर्षक जो व्यापार के समृद्ध केंद्र के रूप में बसोहली के अतीत को दर्शाता है, जो अपनी पश्मीना, बसोहली पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले साल मन की बात के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बसोहली उत्सव का उल्लेख क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के प्रयासों को तेज करने के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि बसोहली में अपनी अनूठी विरासत संपत्तियों के कारण भारत के सांस्कृतिक और पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से प्रदर्शित होने की अपार संभावनाएं हैं। संभागीय आयुक्त ने विश्वास व्यक्त किया कि संस्कृति, पुरातत्व विभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) और जिला प्रशासन के निरंतर समर्थन से, उत्सव को और गति मिलेगी और हर गुजरते साल के साथ इसका दायरा बढ़ेगा। उन्होंने बसोहली के निवासियों से आग्रह किया कि वे अपने घरों के सामने पारंपरिक बसोहली कला रूपों को शामिल करके बसोहली कला के राजदूत बनें, इस प्रकार क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा दें।
प्रमुख सचिव संस्कृति एवं स्कूल शिक्षा सुरेश कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में युवाओं से गौरवशाली विरासत के प्रति जुनूनी होने और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने में राजदूत की भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बसोहली उत्सव को भव्य बनाने का प्रयास किया जाएगा। निदेशक एसीबी शक्ति पाठक ने अपने स्वागत भाषण में विश्वस्थली की समृद्ध विरासत पर प्रकाश डाला, जो कभी संस्कृति, परंपरा, कला और शिल्प का एक संपन्न केंद्र था। उन्होंने कहा कि बसोहली न केवल अपनी कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपने रणनीतिक महत्व के कारण वित्तीय व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में भी काम करता है। बसोहली के मनोनीत विधायक दर्शन कुमार ने अपने संबोधन में आयोजन की सफलता के लिए मंडल और जिला प्रशासन की सराहना की और आने वाले समय में बसोहली उत्सव को एक भव्य आयोजन बनाने के लिए एक टीम के रूप में काम करने का आश्वासन दिया।
इस महोत्सव में शाम के समय विश्व प्रसिद्ध बसोहली रामलीला के अलावा बहु-विषयक खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसमें स्थानीय स्कूलों की उत्साही भागीदारी देखी गई। ये आयोजन समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आनंद लेने के अलावा युवा प्रतिभा, खेल कौशल और टीम वर्क के एक रोमांचक उत्सव का माहौल तैयार करते हैं। महाकाव्य के प्रमुख प्रसंगों को दर्शाने वाले रामलीला प्रदर्शन भीड़ के पसंदीदा थे, जिससे दर्शक और अधिक के लिए उत्सुक थे। बाद में पेंटिंग्स, स्टोरी टेलिंग, श्लोक व्याख्यान और खेल विधाओं जैसे कबड्डी, संतोलिया, रस्साकशी आदि के शीर्ष तीन विजेताओं के बीच पुरस्कार वितरित किए गए। बसोहली उत्सव आनंददायक प्रदान करते हुए बसोहली की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने की भूमिका में है। इस अवसर पर डीसी कठुआ डॉ. राकेश मिन्हास, सचिव कला एवं संस्कृति अकादमी हरविंदर कौर, निदेशक हस्तशिल्प एवं हथकरघा सूरज रकवाल, क्षेत्रीय निदेशक आईजीएनसीए श्रुति अवस्थी, एडीसी बसोहली अनिल कुमार ठाकुर, सीईओ बीबीडीए अजीत सिंह भी उपस्थित थे।
—————
(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
