West Bengal

पानिहाटी में तीन बांग्लादेशी गिरफ्तार, अवैध रूप से काम की तलाश में भारत में घुसने का आरोप

उ. 24 परगना, 31 मई (Udaipur Kiran) । जिले के

पानिहाटी में अवैध तरीके से रह रही एक बांग्लादेशी महिला की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया है। पुलिस ने अब खुलासा किया है कि महिला के साथ गिरफ्तार दो अन्य युवक-युवती उसके सगे भाई-बहन हैं और सभी काम की तलाश में भारत आए थे। पुलिस ने तीनों को गैरकानूनी रूप से भारत में प्रवेश करने और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रहने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

पुलिस जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपित महिला, जिसका नाम अदिति पात्रा बताया जा रहा है, असल में बांग्लादेश के सातक्षीरा जिले की निवासी है और उसका असली नाम प्रिया खातून है। 2019 में फेसबुक के जरिए उसकी पहचान कोलकाता के केस्टोपुर निवासी एक व्यक्ति से हुई थी। उसी के जरिए वह यशोर बॉर्डर पार कर भारत में दाखिल हुई और पहले केस्टोपुर में रहने लगी। बाद में दोनों ने विवाह किया और पूर्व मेदिनीपुर के कांथी इलाके में पति के साथ रहना शुरू किया।

बताया जा रहा है कि उसी दौरान प्रिया खातून ने फर्जी दस्तावेज – मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड – तैयार कराए और भारत में ‘अदिति पात्रा’ के नाम से रहने लगी।

करीब दो महीने पहले वह पानिहाटी नगरपालिका के 31 नंबर वार्ड स्थित विवेकानंद पार्क इलाके के एक फ्लैट में रहने आई। कुछ ही दिनों में पड़ोसियों ने देखा कि उसके फ्लैट में अक्सर अजनबी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। जब उन्होंने अदिति से पूछताछ की तो वह हर बार अलग-अलग जवाब देने लगी, जिससे संदेह और गहरा हो गया।

गत मंगलवार रात को स्थानीय निवासियों और फ्लैट मालिक ने अदिति से सीधी पूछताछ की, जिस पर कहासुनी हो गई। इसके बाद उन्होंने घोला थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस जब मौके पर पहुंची तो अदिति के फ्लैट में मौजूद दो अन्य लोगों – अबु तारिक मोल्ला और असमा खातून – से पहचान से जुड़े दस्तावेज मांगे, जो वे नहीं दिखा सके। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे दोनों अदिति के भाई-बहन हैं और बांग्लादेश से अवैध रूप से काम की तलाश में भारत आए थे। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

उनकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने गुरुवार को अदिति को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके पास से फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए हैं। अब यह पता लगाया जा रहा है कि इन दस्तावेजों को बनाने में किसकी मदद ली गई थी और क्या कोई संगठित गिरोह इस अवैध गतिविधि के पीछे है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए घोला थाना पुलिस जांच में जुट गई है और सभी बयानों की सत्यता की पुष्टि की जा रही है।

(Udaipur Kiran) / अनिता राय

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