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दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशी गिरफ्तार

दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशी गिरफ्तार

नई दिल्ली, 21 मार्च (Udaipur Kiran) । दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने देश में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही देश में रुकने के

लिए मदद करने वाले इनके एक साथी को भी गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम ने शुक्रवार को बताया कि पकड़े गए आरोपितों की पहचान जिला सुनामगंज, डिवीजन सिलहट, बांग्लादेश निवासी मोहम्मद इकबाल हुसैन उर्फ ​​फरहान खान (44), रज़ीब मियां उर्फ ​​राहुल बिस्वास उर्फ ​​अमित यादव, मोहम्मद मोमिन बादशाह उर्फ ​​मोहम्मद मोमिन हुसैन उर्फ ​​जीतेंद्र यादव, और ओखला फेज-2 निवासी अग्रसेन कुमार के रूप में हुई है। पकड़े गये मोहम्मद इकबाल के पास पुलिस ने फरहान खान के नाम से एक भारतीय पासपोर्ट, मोहम्मद इकबाल हुसैन के नाम से बांग्लादेशी पासपोर्ट की प्रति, फरहान खान के नाम से आधार कार्ड और भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस के अलावा जीतेंद्र यादव और अमित यादव के नाम से दो भारतीय आधार कार्ड और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इसी क्रम में रज़ीब मियां के पास से राहुल बिस्वास निवासी एनएफसी, दिल्ली के नाम से आधार और भारतीय मतदाता पहचान पत्र और एक मोबाइल फोन, मोहम्मद मोमिन बादशाह के पास से मोहम्मद मोमिन हुसैन निवासी जामिया नगर के नाम से आधार और भारतीय मतदाता पहचान पत्र/पैन कार्ड तथा एक मोबाइल फोन बरामद किया है। पकड़ा गया चाैथा आरोपित अग्रसेन कुमार ने फर्जी आधार कार्ड की मदद से बैंक खाता खुलवाया तथा उसने सरकारी तंत्र में पूरी तरह से गलत जानकारी प्रस्तुत करके अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के लिए आधार कार्ड बनवाए।डीसीपी के अनुसार क्राइम ब्रांच की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर कई जगह छापे मारे और नेहरू प्लेस से आरोपित मोहम्मद इकबाल और बदरपुर बॉर्डर से रज़ीब मियां उर्फ ​​राहुल और मोहम्मद मोमिन को गिरफ्तार किया।जांच में पता चला है कि 1995 में बांग्लादेश में स्कूल छोड़ने के बाद आरोपित मोहम्मद इकबाल हुसैन ने 1996 से 2004 तक चावल के व्यापार में काम किया। 2004 में वह दो साल के लिए वर्क परमिट पर इंग्लैंड गया। यहां उसने डिलीवरी सेवाओं और रेस्तरां में काम किया। वह 2009 तक इंग्लैंड में ही रहा और फिर बांग्लादेश लौट गया। वर्ष 2016 तक सुनामगंज में एक किराने की दुकान चलाई। इस अवधि के दौरान उसने बांग्लादेश में शादी कर ली। उसकी एक बेटी है। उसकी पत्नी और बेटी दोनों वर्तमान में बांग्लादेश में रह रही हैं। वर्ष 2017 में वह अवैध रूप से असम सीमा के माध्यम से भारत में प्रवेश किया और असम से ट्रेन द्वारा दिल्ली आया। दिल्ली में वह जामिया नगर में रहने लगा। इस बीच उसने कपड़े का कारोबार शुरू किया। वर्ष 2018 में उसने मैट्रिमोनियल प्लेटफॉर्म के जरिए मध्य प्रदेश की एक महिला से दूसरी शादी कर ली। बिना उसे बताए कि वह बांग्लादेशी नागरिक है। इस शादी से उसकी दो बेटियां हैं। 2022 से वह अपनी भारतीय पत्नी और बच्चों के साथ मालवीय नगर के पंचशील विहार में रहने आ गया। फिलहाल वह साप्ताहिक बाजारों में कपड़े बेचने का काम कर रहा था। इस दौरान उसने लाइफस्टाइल मॉल में टिकटिंग की दुकान भी किराए पर ले ली। अपने कपड़े के कारोबार को सुचारू रूप से चलाने के लिए उसे श्रमिकों की जरूरत थी। इसलिए उसने एनसीआर में स्थित मानव तस्करों की मदद से कई बांग्लादेशी नागरिकों को असम सीमा के जरिए अवैध रूप से दिल्ली बुलाया। 2020 में उसे क्राइम ब्रांच ने अवैध सिम कार्ड बेचने के आरोप में गिरफ्तार भी किया था। उसकी गिरफ्तारी के संबंध में संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।

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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

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