
जयपुर, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) । सत्र न्यायालय, जयपुर महानगर, प्रथम ने डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को जान से मारने की धमकी देने के मामले में आरोपी वसीम खान, मोहम्मद अशरफ और जुनैद को जमानत देने से इनकार कर दिया है। पीठासीन अधिकारी नंदिनी व्यास ने अपने आदेश में कहा कि जेल में रहते हुए इस तरह की घटना करना, सुरक्षा को चुनौती देने के समान है। आरोपियों पर जो आरोप लगाए गए हैं, वह कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाले और समाज को आतंकित करने वाले हैं। वहीं यदि इन्हें जमानत दी गई तो मामले की जांच प्रभावित हो सकती है। इसलिए इन्हें जमानत देना उचित नहीं है।
जमानत अर्जियों में कहा गया कि उन्होंने न तो पुलिस कंट्रोल रूम में धमकी देने का फोन किया और ना ही उनसे कोई मोबाइल या सिम बरामद हुई। वे अन्य आरोपियों से संपर्क में भी नहीं थे। ऐसे में उन्होंने आपराधिक षड्यंत्र भी नहीं रचा है। ऐसे में उन्हें प्रकरण में झूठा फंसाया गया है। इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। जिसका विरोध करते हुए लोक अभियोजक लियाकत अली ने कहा कि आरोपियों ने संगठित अपराध कर प्रदेश के डिप्टी सीएम को मारने की धमकी दी है। जांच में आया है कि जुनैद ने स्वयं के नाम से सिम खरीदकर मोहम्मद अशरफ के साथ मिलकर केन्द्रीय कारागृह में बंद कैदी को सिम मुहैया कराई और अन्य आरोपियों ने इस सिम का उपयोग कर अन्य आरोपी विक्रम सिंह ने जेल से डिप्टी सीएम को जान से मारने की धमकी भरा फोन किया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए उनकी जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया है।
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(Udaipur Kiran)
