जींद, 27 दिसंबर (Udaipur Kiran) । शुक्रवार को सफीदों क्षेत्र में देर रात से चल रही बारिश में सफीदों अनाज मंडी में पड़ी हजारों क्विंटल धान भीग गई। तेज बारिश के कारण एक बार तो अनाज मंडी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस बारिश के कारण आढ़तियों व किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वैसे तो मंडी में कई शैड बने हुए है लेकिन काफी माल खुले में पड़ा हुआ है। बारिश का मौसम होते ही आढ़तियों के माथे पर चिंता की लकीरें छा गईं।
वैसे मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी कर दिया था। उस अलर्ट को देखते हुए कुछ आढ़तियों ने तिरपाल वगैरह ढक भी दिए थे। फिर भी काफी ढेरियां ढके बगैर रह गई थी। बारिश शुरू होने के बाद ढेरियों को ढका भी गया लेकिन बारिश का पानी ढेरियों के नीचे से गुजर गया। इसके अलावा बारिश से पहले आए तूफान ने काफी ढेरियों के तिरपाल को भी उड़ा दिया। जिसके कारण भी आढ़तियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सफीदों मंडी में इस वक्त हजारों किवंटल धान अटका पड़ा है। उसका सबसे बड़ा कारण धान के भाव गिरना बताया जा रहा है। सीजन की शुरूआत जिस धान की कीमत करीब 3900 रुपये थी, अब उसके भाव गिरकर 3400 से 3500 रुपये प्रति किवंटल रह गई है। करीब-करीब 500 रूपए प्रति किवंटल का मंदा है। इस मंदे के पीछे अंतरराष्ट्रीय लेवल पर उठा पटक बताई गई है। इस उठापटक के कारण चावल के इंटरनेशनल लेवल के खरीददार चुप बैठे है और धान के भावों के निरंतर गिरावट देखी जा रही है।
कम कीमतों में किसान अपनी धान को बेचने के लिए तैयार नहीं है और उसे धान के भावों में तेजी का इंतजार है। इसके अलावा व्यापारियों का माल भी मंडी में पड़ा हुआ है और यह माल तब निपटने की संभावनाएं है जब धान की कीमतों में कुछ उछाल आए। मार्केट कमेटी सचिव अनिल शर्मा ने बताया कि मौसम के तेवरों को देखते हुए उन्होंने आढ़तियों को पहले ही ढेरियों को ढकने के लिए कह दिया था। मंडी में काफी ढेरियों पर तिरपाल ढके हुए है।
मंडी में पानी निकासी की व्यवस्था पूरी तरह से सुनिश्चित है। अगर कहीं थोड़ा बहुत जलभराव हुआ है तो उसे सफाई कर्मियों ने निकाल दिया है। मंडी सचिख्व ने कहा कि मंडी में जो धान पड़ा हुआ है, उसके पीछे कारण धान के भावों में गिरावट आना है। इस बारिश में किसानों का कोई नुकसान नहीं है। अधिकतर किसान अपनी फसल बेच चुके हैं। मंडी में जो माल पड़ा हुआ है, वह व्यापारियों का है। उनको कई बार मंडी से धान उठवाने के लिए कहा जा चुका है।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा