Uttar Pradesh

इस बार नव संवत्सर के राजा और मंत्री सूर्य हाेंगे, बढ़ेगा केन्द्र सरकार का दबदबा

फोटो प्रतीक

-राजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरुआत की थी, इस संवत्सर का नाम सिद्धार्थ

वाराणसी, 18 मार्च (Udaipur Kiran) । चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 30 मार्च रविवार से विक्रम संवत 2082 और नव संवत्सर (हिन्दू नववर्ष)की शुरुआत हो रही है। इस बार सनातनी नव संवत्सर के राजा और मंत्री सूर्य ग्रह हैं। नव संवत्सर का नाम सिद्धार्थ है।

सनातनी नव संवत्सर सिद्धार्थ में भारतीय राजनीति में केन्द्र सरकार का दबदबा बढ़ेगा। पंचांगाों के अनुसार जिस दिन से सनातनी नववर्ष की शुरुआत होती है, उस दिन के स्वामी को राजा माना जाता है। रविवार से शुरुआत होने के कारण साल 2025 के राजा सूर्य ग्रह हैं। ज्योतिषविदों के अनुसार इस बार सनातनी नववर्ष विक्रम संवत् की शुरुआत सिंह लग्न से हो रही है। विक्रम संवत् के पहले दिन ही दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसमें सूर्य और चंद्रमा दोनों ही मीन राशि में संचरण करेंगे। इसके साथ ही सूर्य, चंद्रमा, शनि, बुध और राहु की युति भी नए विक्रम संवत में बनने वाला है। पहले दिन ग्रहों के योग से बुधादित्य और मालव्य राजयोग भी बनेगा।

शिव आराधना समिति के डॉ. मुदुल मिश्र बताते हैं कि सनातन धर्म में मान्यता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को ही भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना शुरू की थी। माना जाता है कि इसी दिन भगवान राम का राज्याभिषेक भी हुआ था। चैत्र नवरात्र के पहले दिन शक्ति की पूजा की शुरुआत और धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था। डॉ. मिश्र बताते हैं कि विक्रम संवत की शुरुआत राजा विक्रमादित्य ने की थी। तब के खगोल शास्त्री वराहमिहिर ने विक्रम संवत को बढ़ाने में मदद किया था। गौरतलब हो कि इस सनातनी नवसंवत्सर में सूर्य ग्रह की शक्ति से आम जीवन में विशेष प्रभाव पड़ेगा। इसके चलते प्रशासन और देश के नेतृत्व काे मजबूती मिलेगी। सूर्य के मजबूत स्थित से मौसम भी काफी गर्म रहेगा।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top