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भारत की विकास गाथा से जुड़ने का यह सही समयः प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में 18वें एशिया प्रशांत जर्मन व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में 18वें एशिया प्रशांत जर्मन व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि निवेश के लिए भारत से बेहतर कोई स्थान नहीं है। उन्होंने विदेशी निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत की विकास गाथा से जुड़ने का यह सही समय है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, मांग और डेटा के चार मजबूत स्तंभों पर खड़ा है। प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, नवाचार और बुनियादी ढांचा भारत के विकास के उपकरण हैं। इन सभी को आगे बढ़ाने के लिए भारत के पास आकांक्षी भारत (एआई) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की दोहरी शक्ति है। उन्होंने कहा कि भारत भविष्य की दुनिया की जरूरतों पर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि आज भारत विविधीकरण और जोखिम-मुक्ति का सबसे बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। भारत वैश्विक व्यापार और विनिर्माण केंद्र बन रहा है। भारत सड़कों और बंदरगाहों में रिकॉर्ड निवेश कर रहा है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र दुनिया के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में विदेशी निवेशकों के लिए भारत की विकास गाथा में भाग लेने, ‘मेक इन इंडिया’ पहल और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ में शामिल होने का यह ‘सही’ समय है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब भारत की गतिशीलता और जर्मनी की सटीकता मिलती है, जब जर्मनी की इंजीनियरिंग और भारत का नवाचार मिलता है और जब जर्मनी की तकनीक और भारत की प्रतिभा मिलती है तब इससे इंडो-पैसिफिक सहित दुनिया का बेहतर भविष्य सुनिश्चित होता है। उन्होंने कहा कि आप सभी व्यवसाय की दुनिया से जुड़े हैं और आपकी प्राथमिकता व्यवसाय होता है लेकिन भारत आना केवल व्यवसाय नहीं है। यदि आप भारत की संस्कृति, भोजन और खरीदारी के लिए समय नहीं देते हैं तो आप कई चीजों से चूक जाएंगे।

जर्मनी में कुशल भारतीय कर्मचारियों के लिए वीज़ा की संख्या को 20 हजार से बढ़ाकर 90 हजार करने के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की स्किल्ड मैनपावर पर जर्मनी ने जो भरोसा जताया है, वो अद्भुत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इससे जर्मनी के विकास को नई गति मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य जर्मनी की कुशल श्रमिकों की मांग को पूरा करना और भारत के साथ आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय पेशेवरों को जर्मनी में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध मजबूत होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने आज के दिन को विशेष बताते हुए कहा कि उनके मित्र चांसलर स्कोल्ज चौथी बार भारत आए हैं। यह भारत-जर्मनी संबंधों पर उनके फोकस को दिखाता है। उन्होंने कहा कि 12 साल के बाद भारत में एशिया-प्रशांत जर्मन व्यापार सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। एक तरफ यहां सीईओ की फोरम की बैठक हो रही है, दूसरी तरफ हमारी नौसेना साथ में अभ्यास कर रही है। अब से थोड़ी ही देर में भारत और जर्मनी के बीच सातवें अंतर सरकारी परामर्श का भी आयोजन होना है। हर स्तर पर भारत-जर्मनी संबंध मजबूत हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह भारत-जर्मनी रणीतिक साझेदारी का 25वां वर्ष है। अब आने वाले 25 वर्ष इस साझेदारी को नई बुलंदी देने वाले हैं। हमने आने वाले 25 सालों में विकसित भारत का एक रोड मैप बनाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस महत्वपूर्ण समय में जर्मन कैबिनेट ने ‘फोकस ऑन इंडिया’ दस्तावेज़ जारी किया है।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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