
मुंबई,7अप्रैल ( हि.स.) । पर्यावरण की दृष्टि से येउर पर्वत श्रंखला ठाणे मुंबई और जुड़े हुए उप नगरों के लिए संजीवनी का काम भी यह पर्यटन स्थल करता है इसलिए यदि मुंबई ठाणे क्षेत्र का हिमालय भी कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। भयंकर जानलेवा गर्मी में येउर पर्वत से ही ठाणे मुंबई वासियों को शुद्ध हवा मिलती है।इसके बाद भी इस पर्यटन स्थल पर सैकड़ों की तादात में अवैध निर्माण है और इनदुर्भाग्य है आधुनिक जीवन में आम आदमी भी अप्रत्यक्ष रूप से अतिक्रमण कर प्राकृतिक रचना को नष्ट कर रहा है तथा वनों की कटाई और वन्यजीवों के शिकार जैसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। हालांकि, वन विभाग ने इस पर कुछ हद तक अंकुश लगाने के लिए कदम उठाए हैं। वन विभाग जंगल में मौजूद वन्यजीवों की जानकारी प्राप्त करने के लिए संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, येऊर में 30 आधुनिक ट्रैप कैमरे लगाएगा। लेकिन ये कैमरे जंगल में अवैध गतिविधियों पर नजर रखने में मददगार तो होंगे ही साथ ही जंगल ,पर्वत झरने तालाब के साथ साथ बिहांगम पक्षी,हिरण, चीते सभी कैमरे की नजर से देख सकेंगे।
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान को ठाणे और मुंबई शहर का हृदय कहा जाता है। राष्ट्रीय उद्यान का साठ प्रतिशत हिस्सा, जिसका क्षेत्रफल लगभग 10,000 वर्ग किमी है, वन विभाग की येऊर रेंज के अंतर्गत आता है। हालाँकि, पिछले कुछ दिनों में राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा है। बढ़ते अतिक्रमण के कारण वन की जैव विविधता खतरे में है। वन विभाग जहां जंगल में वन्यजीवों और वन संपदा की सुरक्षा के लिए प्रयासरत है, वहीं अब कैमरे की तीसरी आंख भी मदद के लिए नजर रखेगी।बताया जाता है कि विभाग के उपनिदेशक प्रदीप पाटिल के मार्गदर्शन में येउर रेंज में 30 महत्वपूर्ण स्थानों पर ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे।वन रक्षक अधिकारी मयूर सुरवसे का कहना है कि है कि पर्वतीय जंगल में वन्यजीवों की लगभग 40 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें तेंदुए, बंदर, हिरण, नेवले, जंगली बिल्लियां और जंगली सूअर शामिल हैं। वन विभाग के पास वन्य जीवों के साथ-साथ वन्य जीवों की देखभाल की भी बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिए, वन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रणनीतिक स्थानों पर ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। इसलिए यह ट्रैप कैमरा योजना वन संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
उल्लेखनीय है कि ट्रैप कैमरे रात में भी उतनी ही कुशलता से काम करेंगे जितनी दिन में करते हैं। ट्रैप कैमरे यहां पाए जाने वाले वन्य जीव-जंतुओं और पक्षी प्रजातियों के बारे में भी जानकारी देंगे। कैमरे जंगल में घूमने वाले अनाधिकृत व्यक्तियों या अपराधियों पर नजर रखने में भी उपयोगी होंगे।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
