
जम्मू, 4 मार्च (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी, इसरो) और सीयूजे के बीच हुए समझौता ज्ञापन के तहत जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) के सतीश धवन अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र से तेरहवें रेडियोसॉन्ड का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। यह प्रक्षेपण कुलपति प्रो. संजीव जैन के मार्गदर्शन में किया गया जो वायुमंडलीय और अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। प्रक्षेपण का नेतृत्व सतीश धवन अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र के संयोजक प्रो. विनय कुमार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. राकेश कुमार झा ने संकाय सदस्यों, तकनीकी कर्मचारियों, छात्रों और शोधकर्ताओं की एक समर्पित टीम के साथ किया।
पिशारोटीसोंडे (रेडियोसॉन्ड) से सुसज्जित मौसम गुब्बारा उन्नत सेंसर और जीपीएस तकनीक का उपयोग करके तापमान, सापेक्ष आर्द्रता, दबाव, हवा की गति, हवा की दिशा, ऊंचाई, समय और स्थान को मापेगा। एकत्रित डेटा मौसम संबंधी अध्ययन, जलवायु परिवर्तन अनुसंधान और अंतरिक्ष अन्वेषण में सहायक होगा। गौरतलब है कि यह मिशन भारतीय रेडियोसॉन्ड सॉफ्टवेयर (इंड्रोस) द्वारा संचालित है जो कि इसरो द्वारा विकसित किया गया है।
सेमी-कंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल), मोहाली में स्वदेशी रूप से विकसित यह रेडियोसॉन्ड ग्राउंड स्टेशन, डॉ. कमलजीत सिंह और नेमी चंद के नेतृत्व में मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप है। इस कार्यक्रम का समन्वय डॉ. संजीव यादव और डॉ. प्रवेश पाल ने किया जिसमें डॉ. हनीत कौर, महक महाजन, अमृत, बी. बिनेश, सोनम, अनुभव, प्रशांत, हृदेश, प्रीमिका, सनातन, राजवीर, प्रत्यूष और टीम सहित संकाय और तकनीकी कर्मचारियों का सहयोग रहा।
एकत्रित आंकड़े एनआईसीईएस (आरएएनएन) परियोजना के लिए रेडियोसॉन्ड नेटवर्क के अंतर्गत जलवायु और पर्यावरण अध्ययन के लिए राष्ट्रीय सूचना प्रणाली (एनआईसीईएस) में योगदान देंगे जिसमें एनआरएससी, अंतरिक्ष विभाग (इसरो), हैदराबाद के वैज्ञानिक डॉ. हरीफ बाबा शैब के सहयोग से योगदान दिया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
