जोधपुर, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । डिजिटल हो चुकी पुलिस में अब भी ई-एफआईआर दर्ज नहीं हो पा रही है, जिसका खमियाजा एयरफोर्स के वारंट ऑफिसर को भुगतना पड़ा। 22 अगस्त को उनके क्वार्टर में हुई चोरी का पता लगा मगर तीन दिन बाद यहां पहुंच कर ही लिखित में रिपोर्ट देनी पड़ी। उनके क्वार्टर से चोर 30 लाख के गहने चोरी कर ले गए, जिसमें डायमंड जडि़त आभूषण भी शामिल है। इसके अलावा आर्टिफिशियल ज्वैलरी भी थी। वे परिवार सहित बच्चों का बैंगलूरू एक यूनिवर्सिटी में दाखिला करवाने गए थे। घटना में पुलिस ने की एमओबी और एफएसएल टीम ने भी मौका मुआयना किया है। अब चोरों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
मूलत: पश्चिमी बंगाल के कुछबेह हाल एयरफोर्स बुंदेला एंक्लेव में क्वार्टर में रहने वाले एयरफोर्स के वारंट ऑफिसर शुभव्रत मिश्रा पुत्र धीरेंश चंद्र मिश्रा की तरफ से मामला दर्ज करवाया गया है। इनके अनुसार वे 15 अगस्त की सुबह अपने परिवार सहित बच्चों का बैंगलूरू में मणिपाल यूनिवर्सिटी में दाखिला करवाने के लिए गए थे। इस बीच उनका क्वार्टर सूना था। 22 अगस्त को उनके परिचित परगटसिंह केहललु का कॉल आया कि उनके क्वार्टर पर पुलिस आई है। इस पर पता लगाया गया तो मालूम हुआ कि क्वार्टर में चोरी हुई है। इस पर उनके द्वारा 22 अगस्त को ही पुलिस में ई-एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास किया गया मगर वह नहीं हो पाई। बाद में एयरफोर्स पुलिस ने क्वार्टर को सील कर दिया।
25 अगस्त को वे जोधपुर पहुंचे और पता किया तो ज्ञात हुआ कि चोरों ने वहां अलमारी और अलमारी का लॉकर के ताले तोडऩे के बाद सारा सामान बिखेर दिया है। तकरीबन 30 लाख के ज्वैलरी चोरी कर गए है। उनके क्वार्टर से 2 नेकलेस, 1 नेकलेस ईयररिंग विद् अंगूठी, बाजूबंद और अमेरिकन डायमंड गोल्ड चेन, नेकलेस गानेर्ट स्टोन, मंगलसूत्र मय लॉकेट, कान की टफ बालियां, जेंटस अंगूठी, छह सोने की बच्चों की अंगुठियां, 2 सोने के कंगन, चांदी का बे्रसलेट, पायलों का सेट सहित कुछ आर्टिफिशियल ज्वैलरी भी चोरी कर गए।
चोरी की सूचना पर एमओबी और एफएसएल टीम भी वहां पहुंची। चोरों के फुटेज देखने के साथ फिंगर प्रिंंट आदि लिए गए।
जातरूके साथ चोरों की गैंग शहर में आने का अंदेशा :
चूंकि अब शहर में बाबा रामदेवरा का मेला आरंभ हो गया है। जातरूओं की आड़ में चोरों की गैंग भी कई बार आती रही है। जोकि वारदात के बाद चली भी जाती है। मध्यप्रदेश के पारदी गैंग चोरों की सबसे बड़ी गैंग मानी जाती है। उसके बाद कच्छा बनिया गिरोह है जोकि रात में सूने या बंद मकानों दुकानों और फैक्ट्रियों का अपना निशाना बनाते है। शहर में हो रही बड़ी चोरियों से यह संदेह भी होता है कि बाहरी गैंग का हाथ हो सकता है।
(Udaipur Kiran) / सतीश / संदीप