Chhattisgarh

जिले में नहीं होगी खाद की कमी, क्रमिक रूप से होगा भंडारण

किसानों के लिए उपलब्ध खाद।

धमतरी, 8 जून (Udaipur Kiran) । चालू खरीफ मौसम में खेती-किसानी के लिए जिले के किसानों को किसी भी तरह से खाद की कमी नहीं होगी। जिले में अभी तक चालू खरीफ मौसम के लिए कुल निर्धारित लक्ष्य का लगभग 56 प्रतिशत खाद का भंडारण कर लिया गया है। जिले में चालू खरीफ मौसम के लिए किसानों को 43 हजार मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रासायनिक उर्वरकों का भण्डारण लगातार क्रम में किया जा रहा है।

पहले चरण में लगभग 20 हजार मीट्रिक टन खाद का भंडारण प्राथमिक सहकारी समितियों में कर दिया गया है। समितियों से लगातार किसान बिना किसी परेशानी के रासायनिक उर्वरक प्राप्त कर रहे हैं। अभी भी लगभग आठ हजार मीट्रिक टन खाद प्राथमिक सहकारी समितियों और साढ़े चार हजार मीट्रिक टन खाद डबल लाक में उपलब्ध है। जिले के विपणन अधिकारी सुनील राजपूत ने बताया कि अगले तीन-चार दिनों में रायपुर और बालोद रेक प्वाइंट से जिले में यूरिया, सुपर फास्फेट, एनपीके जैसी खादों का भण्डारण कर लिया जाएगा। खेती-किसानी के इस समय में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा भी जिले में खाद-बीज के भंडारण और वितरण पर गहरी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने किसानों को समय पर पर्याप्त खाद और बीज उपलब्ध कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।

कलेक्टर ने अधिकारियों को बीज-खाद की कमी जैसी स्थिति पर तत्काल सूचित करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि समय पर उच्चाधिकारियों से बात कर जिले में खाद-बीज की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। जिले के 74 प्राथमिक सहकारी समितियों में इस समय लगभग 20 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भण्डारण किया जा चुका है। जिसमें यूरिया 9267 मीट्रिक टन, सिंगल सुपर फास्फेट 3 हजार 570 मीट्रिक टन, डीएपी 3 हजार एक सौ मीट्रिक टन, म्यूरेट आफ पोटाश एक हजार 275 मीट्रिक टन, एनपीके 2 हजार 525 मीट्रिक टन शामिल हैं। जिले में किसानों द्वारा खाद के उठाव के बाद भी अभी 8195 मीट्रिक टन खाद प्राथमिक सहकारी समितियों में शेष है। इसके साथ ही 4 हजार 500 मीट्रिक टन खाद डबल लॉक में भी उपलब्ध है, जिसे समय पर समितियों में भंडारित किया जा रहा है। पूरे देश में डीएपी खाद की संभावित कमी को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने डीएपी खाद के स्थान पर अन्य दूसरी खादों का उपयोग करने की सलाह किसानों को दी है। कृषि वैज्ञानिकों ने धान की जल्दी पकने वाली किस्मों के लिए डीएपी के स्थान पर 52 किलो यूरिया, एक सौ किलो सुपर फास्फेट और 13 किलो पोटाश मिलाकर एक एकड़ फसल में उपयोग करने की सलाह दी है। इसी तरह एनपीके 12-32-16 खाद की 50 किलो मात्रा, यूरिया की 39 किलो मात्रा को भी एक साथ मिलाकर एक एकड़ की जल्दी पकने वाली धान की किस्म के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसी तरह काम्पलेक्स खाद 20-20-00-13 की 80 किलोग्राम मात्रा, यूरिया की 18 किलोग्राम मात्रा और पोटाश की 13 किलो मात्रा को मिलाकर भी जल्दी पकने वाली धान के एक एकड़ खेत में उपयोग किया जा सकता है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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