– चंडीगढ़ में 26 दिसंबर से शुरु होगी तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला
चंडीगढ़, 25 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा में खिसकता भू-जल चुनौती बना हुआ है। बढ़ती जनसंख्या और अत्याधिक भू-जल दोहन से जल संसाधनों की स्थिति चिंताजनक पहुंच गई है। जल संसाधनों का प्रभावी उपयोग और प्रबंधन को लेकर भू-लेख हरियाणा की ओर से तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। 26 से 28 दिसंबर तक चंडीगढ़ में जल संचय, जल संसाधनों का प्रबंधन और पानी बचाव पर मंथन होगा।
26 दिसंबर को अनुराग रस्ताेगी वित्तायुक्त, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ जल संसाधन विभाग, नदी विकास और गंगा संरक्षण, लघु सिंचाई सांख्यिकी प्रकोष्ठ भारत सरकार की उप महानिदेशक प्रियंका कुलश्रेष्ठ मुख्यातिथि होंगी।
भू-अभिलेख के सहायक निदेशक और क्षेत्रीय कार्यशाला के नोडल अधिकारी राजकुमार ने बताया कि कार्यशाला में भू-अभिलेख हरियाणा के निदेशक डॉ. यशपाल सहित नदी विकास और गंगा संरक्षण, लघु सिंचाई सांख्यिकी प्रकोष्ठ के अधिकारी हिस्सा लेंगे। उन्हाेंने बताया कि हरियाणा में जल संसाधनों में कमी आ रही है। प्रदेश में जल संबंधी गंभीर चुनौतियों, जिनमें अत्याधिक भूजल दोहन, घटता जल स्तर, असक्षम सिंचाई पद्धतियां और जल स्त्रोतों के प्रदूषण पर चर्चा होगी। यही नहीं अंतरराज्यीय नदी विवाद, सीमित वर्षा जल संचयन, जलवायु परिवर्तन का प्रभाव और बढ़ती जनसंख्या के लिए जल प्रबंधन पर भी मंथन होगा। चुनौतियों के समाधान, जल निकायों और सिंचाई योजनाओं की मजबूती को लेकर भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन विभाग, नदी विकास और गंगा संरक्षण, लघु सिंचाई सांख्यिकी प्रकोष्ठ द्वारा लघु सिंचाई गणनाएं पंचवर्षीय आधार पर आयोजित की जाती हैं। संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों के अनुसार, जल निकायों की पहली गणना छठी लघु सिंचाई गणना के साथ समन्वय में की गई थी।
उत्तरी राज्यों (हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और लद्दाख) के लिए सिंचाई गणनाओं के संचालन पर क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला हरियाणा में आयोजित की जा रही है। इसे जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन विभाग, नदी विकास और गंगा संरक्षण, लघु सिंचाई सांख्यिकी प्रकोष्ठ, भारत सरकार ने आयोजित किया गया है। कार्यशाला
हरियाणा सरकार के राजस्व विभाग के निदेशालय भू-अभिलेख विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
नोडल अधिकारी राजकुमार ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रशिक्षकों को मोबाइल वेब एप्लिकेशन में शेड्यूल भरने, उपयोगकर्ता निर्माण और प्रबंधन मॉड्यूल के साथ-साथ परिभाषाओं की अवधारणाओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे सभी चार गणनाओं के लिए रियल-टाइम डेटा संग्रह सुनिश्चित हो सके।
वर्तमान गणना में, पहली प्रमुख एवं मध्यम सिंचाई परियोजना गणना, सातवीं लघु सिंचाई गणना, दूसरी जल निकाय गणना और पहली झरनों की गणना आयोजित की जा रही है। इन गणनाओं के परिणाम सिंचाई विभाग की विभिन्न योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन के लिए उपयोगी उपकरण के रूप में कार्य करते हैं। कार्यशाला में निदेशक पवन कुमार, सहायक निदेशक निहारिका सिंह, संयुक्त निदेशक आईटी रितिका सेठी व परियोजना प्रबंधक अनूप शर्मा का भी विशेष सहयोग रहेगा।
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(Udaipur Kiran) शर्मा