– अस्पतालों में सुरक्षा उपायों को लेकर हुई अहम बैठक, सभी अस्पतालों को 15 दिन के भीतर फायर एनओसी प्राप्त करने के निर्देश
ग्वालियर, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । छोटे-बड़े सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट नर्सिंग होम व अस्पतालों में भी सुरक्षा उपायों के साथ कोई समझौता न हो। सभी अस्पताल “फायर सेफ्टी प्रमाण-पत्र” और विद्युत सुरक्षा प्रमाण-पत्र प्राप्त करें। साथ ही सभी अस्पतालों में सर्वोच्च न्यायालय एवं केन्द्र व राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत “स्वास्थ्य संस्थान सुरक्षा समिति और हिंसा रोकथाम समिति” का गठन कर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। यह निर्देश शनिवार को संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर बुलाई गई बैठक में संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने अस्पतालों में फायर ऑडिट और आपदा प्रबंधन को लेकर नियमित मॉकड्रिल करने पर विशेष जोर दिया।
यहाँ संभाग आयुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में पुलिस महानिरीक्षक अरविंद सक्सेना, कलेक्टर रुचिका चौहान, प्रभारी पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सगर, नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव, गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के प्रभारी डीन डॉ. अजीत सिंह राजपूत, जेएएच के अधीक्षक डॉ. सुधीर सक्सेना, क्षेत्रीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. नीलम सक्सेना, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव, जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. आर के शर्मा, डीपीएम विजय भार्गव, इंडियन मेडीकल एसोसिएशन की ग्वालियर शाखा के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत लहारिया, नर्सिंग होम एसोसिएशन के सचिव डॉ. राहुल अग्रवाल तथा अपोलो, बिरला, ग्लोबल, लिंक व सिम्स सहित शहर के अन्य अस्पतालों के प्रतिनिधिगण और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
संभाग आयुक्त खत्री ने कहा कि शासन के प्रावधानों के तहत 50 बिस्तर से अधिक क्षमता वाले सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल एक माह के भीतर फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम कर लें। साथ ही नगर निगम से फायर ऑडिट कराकर फायर सेफ्टी के प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लिया जाए। इसी तरह 50 बिस्तर से कम क्षमता वाले अस्पतालों में भी अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कराए जाएं। इसमें कोई ढ़िलाई न हो। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में फायर अलार्म सिस्टम व फायर एक्सटिंग्विशर सहित सभी उपकरण अपडेट रहें। आपातकालीन निकास के रास्ते भी अलग से निर्धारित रहें। उन्होंने फायर एनओसी न लेने वाले नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
नियमित अंतराल पर फायर सेफ्टी मॉकड्रिल आयोजित करने पर जोर देते हुए संभाग आयुक्त ने कहा कि विशेषकर आईसीयू और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में ऐसी व्यवस्था बनाएँ, जिससे आपात स्थिति होने पर तत्काल रेस्क्यू किया जा सके। संभाग आयुक्त ने कहा कि आपात स्थिति में सुव्यवस्थित ढंग से और तेजी से बचाव कार्य अंजाम देने के लिये अस्पताल के स्टाफ को गहन प्रशिक्षण दिलाएँ। जिसमें फायर उपकरण संचालित करने का प्रशिक्षण भी शामिल हो। अस्पतालों में नियमित फायर ऑडिट कराने के लिये भी उन्होंने कहा। साथ ही आपात स्थिति में सहयोग प्राप्त करने के लिये नगर निगम के फायर सेफ्टी ऑफिस सहित अन्य आपातकालीन सेवाओं के कॉन्टेक्ट नम्बर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।
पुलिस महानिरीक्षक अरविंद सक्सेना ने सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के प्रावधानों को प्रदर्शित कराने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि पुलिस इस प्रावधान को लेकर पूरी तरह सजग है। पुलिस द्वारा अस्पतालों में लगातार गश्त किया जाए।
महिला कर्मचारियों के लिये सुरक्षित वातावरण बनाएँ
संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि रात में ड्यूटी करने वाली महिला चिकित्सकों एवं महिला कर्मचारियों के लिये सुरक्षित व उपयुक्त वातावरण बनाएँ। साथ ही कहा कि अस्पताल परिसर में नजदीकी पुलिस थाना सहित जिला प्रशासन व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नम्बर भी प्रदर्शित कराए जाएँ।
मोबाइल एप पर अपलोड होगी सुरक्षा की जानकारी
कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों की फायर एनओसी व ऑडिट सहित सभी सुरक्षा उपायों की जानकारी अपलोड कराने के लिये जल्द ही एक मोबाइल एपतैयार कराया जायेगा। इस एप पर नियमित रूप से जानकारी अपलोड करनी होगी, जिससे इसकी नियमित रूप से मॉनीटरिंग होती रहे। प्रभारी पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सगर ने कम से कम तीन माह में मॉकड्रिल कराने के लिए कहा। साथ ही गणेश प्रतिमा के पण्डाल में एहतियात बतौर कम से कम 200 लीटर पानी रखने के लिये नगर निगम के अधिकारियों से कहा।
ठीक से काम न करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट कराएँ
संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने कहा कि जयारोग्य चिकित्सालय सहित अन्य सरकारी चिकित्सालयों में सुरक्षा व्यवस्था व साफ-सफाई का काम जिस कंपनी को मिला है वह ठीक से काम करें। यदि इसमें ढ़िलाई सामने आए तो कंपनी पर पैनल्टी लगाने साथ-साथ शासन को पत्र लिखकर उसे ब्लैक लिस्ट भी कराएँ।
शहर के हर वार्ड के लिए डेंगू नियंत्रण टीम गठित करें
बैठक में संभाग आयुक्त खत्री ने डेंगू एवं मच्छरजनित अन्य बीमारियों से बचाव के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा भी की। साथ ही निर्देश दिए कि ग्वालियर शहर के प्रत्येक वार्ड में इस कार्य के लिये अलग-अलग टीम गठित करें, जिससे डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में शहर में स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की 50 संयुक्त टीमें काम कर रही हैं। डेंगू के लिहाज से संवेदनशील शहर के वार्ड-18, 20, 26 व वार्ड-52 में लार्वा विनिष्टीकरण एवं डेंगू के प्रति जनजागरूकता के लिये विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। संभाग आयुक्त खत्री ने कहा कि लार्वा का सर्वे अभियान बतौर करें और जिन घरों में लार्वा पाया जाए उनके मालिकों से जुर्माना वसूलें। इस कार्य में कोई ढ़िलाई न हो।
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को भटकना न पड़े
संभाग आयुक्त ने जयारोग्य चिकित्सालय प्रबंधन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज के लिये भटकना न पड़े। हैल्पडेस्क सक्रिय रहें। साथ ही चिकित्सक सहित स्टाफ का व्यवहार उनके प्रति संवेदनशील हो।
(Udaipur Kiran) तोमर