Chhattisgarh

भगवान को भोग लगाते समय समर्पण का भाव होना चाहिए : कामता प्रसाद

आयोजन स्थल पर कथा सुनते हुए श्रध्दालु।
कथा सुनाते हुए प्रवचनकर्ता कथाकार कामता प्रसाद।

धमतरी, 28 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बालाेद जिले के ग्राम चीचा में आयोजित हरिनाम एवं संकीर्तन कथा में कथावाचक कामता प्रसाद ने कहा कि, आज के समय में दिखावा ज्यादा हो गया भगवान केवल भाव के प्यासे हैं उन्हें बाहरी आडंबर से कोई सरोकार नहीं है। भगवान भक्तों की सच्ची पुकार पर दौड़े चले आते हैं।

उन्होंने महाभारत के दृष्टांत का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण को दुर्योधन द्वारा विभिन्न प्रकार के कई भोजन परोसने के लिए बुलाया था लेकिन भगवान श्री कृष्ण विदुर के यहां भोजन करने पहुंचे और भाजी खाकर ही उन्हें संतुष्टि हुई। भगवान भक्तों की भावना को देखते हैं जो भी भक्त उन्हें सच्चे मन से स्मरण करता है, उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। नियमित रूप से प्रभु की आराधना करनी चाहिए। आगे कहा कि आज के बदलते हुए समय में परिवार में एक दूसरे के प्रति प्रेम का लोप हो रहा है जो कि उचित नहीं है। एक दूसरे के प्रति समर्पण और स्नेह का भाव होना चाहिए इससे घर में सुख समृद्धि आती है। भाग दौड़ भरी इस जिंदगी में लोगों के पास समय का अभाव हो गया है इन सब परिस्थितियों के बाद भी हमें प्रतिदिन प्रभु की भक्ति के लिए समय अवश्य निकालना चाहिए, इससे हमें आनंद की अनुभूति होती है। हरिनाम एवं संकीर्तन कथा का आयोजन सिन्हा परिवार के राजेश सिन्हा, रानी राजेश सिन्हा द्वारा आयोजित किया गया। कथा श्रवण करने कार्यक्रम स्थल पर दूर-दूर से श्रध्दालु पहुंचे।

जीवन में मर्यादा होना बहुत ज़रूरी है

अपने पारंपरिक हास्यपुट के माध्यम से उन्होंने जीवन की गूढ़ बातों को बहुत ही सहजता से ग्रामीण श्रोताओं को प्रस्तुत किया। कहा कि जीवन में मर्यादा का होना बहुत ज़रूरी है। अपने से छोटों और बड़ों को पूरा आदर सम्मान दें। इस संसार में जब जब पाप बढ़ता है तब तब भगवान प्रकट होते है और कंस जैसे दैत्यों का अंत करते है और इसीलिए भगवान ने कृष्ण रूप में अवतार लिया।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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