शिमला, 09 नवंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने चिंता व्यक्त की है कि हिमाचल प्रदेश में नशे का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और यह नई पीढ़ी को बर्बाद करने पर तुला है। उन्होंने कहा कि मोबाइल और नई तकनीक की वजह से वैसे ही नई पीढ़ी अपने संस्कारों से दूर होती जा रही है।
शांता कुमार ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उन्हें यह जानकर संतोष है कि हिमाचल पुलिस ने शिमला और नूरपुर में नशे के खिलाफ कुछ ठोस कदम उठाए हैं। नशा तस्करों की संपत्ति जब्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। नूरपुर में एक महिला तस्कर की करोड़ों रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम सराहनीय तो हैं, लेकिन पर्याप्त नहीं हैं।
उन्होंने विशेष रूप से शिमला जिले के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी की प्रशंसा की जिनके कार्यकाल में कांगड़ा जिले में भी नशे पर अंकुश लगाया गया था। शांता कुमार ने उम्मीद जताई कि प्रदेशभर में इसी प्रकार से सक्रिय कदम उठाए जाएं ताकि नशे के प्रकोप को पूरी तरह समाप्त किया जा सके।
शांता कुमार ने कहा कि नशे का सेवन करने वालों को पकड़ना जरूरी है लेकिन असली समस्या उन बड़े लोगों को पकड़ने की है जो बड़े पैमाने पर नशे का व्यापार कर रहे हैं। ऐसे लोगों ने अवैध तरीके से करोड़ों की संपत्ति बनाई है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार जरूरत पड़ने पर कानून में बदलाव करे उनकी संपत्ति जब्त की जाए और अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाए।
शांता कुमार ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस गंभीर समस्या का सख्ती से समाधान नहीं किया तो हिमाचल प्रदेश की नई पीढ़ी का भविष्य अंधकार में पड़ सकता है। उन्होंने सरकार से इस विषय पर गंभीरता से कदम उठाने की अपील की।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला