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निजी क्षेत्र को भारत में व्यापार से रोकने वाली कोई बाधा नहींः सीतारमण

जॉन जे. हेमरे के साथ एक फायरसाइड चैट करते हुए वित्‍त मंत्री
जॉन जे. हेमरे के साथ एक फायरसाइड चैट करते हुए वित्‍त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा-भारत का कोई भी गांव बिना बिजली के नहीं

वाशिंगटन/नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि निजी क्षेत्र को भारत में व्यापार करने से रोकने वाली कोई बाधा नहीं है। कई गैर-भारतीय निजी बीमा कंपनियां पहले भारत में काम कर रही हैं।

वित्‍त मंत्रालय ने शनिवार को ‘एक्‍स’ पोस्‍ट पर जारी बयान में बताया कि केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को वाशिंगटन, डीसी में सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) के अध्यक्ष और सीईओ जॉन जे. हेमरे के साथ फायरसाइड चैट के दौरान यह बात कही। अपनी टिप्पणी में सीतारमण ने याद दिलाया कि भारत सरकार ने 2021 के बजट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि ऐसे चार क्षेत्र हैं, जहां सरकार मौजूद रहेगी। हालांकि, इसमें किसी ऐसे क्षेत्र का उल्लेख नहीं किया गया, जहां निजी क्षेत्र शामिल नहीं हो सकता।

ग्रामीण विद्युतीकरण में हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत के हर गांव में अब बिजली की सुविधा है। 2014 में भारत के कई गांवों में जिनमें राज्य की राजधानियों के पास के गांव भी शामिल हैं, बिजली के लिए बुनियादी ढांचे का अभाव था। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि आज भारत का कोई भी गांव बिजली से वंचित है। इसलिए अगर मुझे 2014 की स्थिति याद है, तो भारत के कई हिस्सों में कई ऐसे गांव थे, कुछ तो राज्य की राजधानी, प्रांतीय मुख्यालय के बहुत करीब थे, जहां बिजली के तार लगाने के लिए खंभा तक नहीं था। लेकिन, अब यह सब दूर हो गया है। घरों में बिजली आ गई है।

चैट के दौरान सीतारमण ने कहा कि नगर पालिकाओं और शहरी केंद्रों को राजनीतिक और आर्थिक दोनों तरह से सशक्त बनाया गया है। उनके पास चुने हुए प्रतिनिधि हैं, जो तय करते हैं कि उनकी प्राथमिकताओं को कैसे पूरा किया जाना चाहिए। वित्‍त मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे केंद्र सरकार का फंड राज्यों को दिया जाता है, वैसे ही नगर पालिकाओं और शहरी निकायों को भी फंड दिया जाता है। यह भारत की संवैधानिक व्यवस्था का हिस्सा है और राजस्व वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार हस्तांतरित किया जाता है।

उन्‍होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों और नगर पालिकाओं को केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किए गए करों का एक हिस्सा मिलता है ताकि वे यह जानकर योजना बना सकें कि उनकी आकांक्षाओं और विकासात्मक जरूरतों के लिए बजट के माध्यम से क्या आता है। इसके अलावा आज हम बाजार से संसाधन जुटाने की उनकी क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं। नगर पालिकाएं आर्थिक विकास का बहुत शक्तिशाली साधन हैं और वे अपने दम पर बहुत सारे संसाधन जुटा रही हैं। इसके अलावा केंद्रीय वित्‍त मंत्री ने जल पहुंच और आर्थिक सशक्तीकरण में भारत की महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला।

(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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