Uttrakhand

आचार्य द्रोण की गौरवशाली परंपरा को जीवित रखने वाले युवा प्रशंसा के पात्रः रविंद्रपुरी

विजयी प्रतिभागी

हरिद्वार, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । एसएमजेएन पीजी कॉलेज हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व कॉलेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज द्वारा राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में विजयी रहे तीरंदाजों को सम्मानित किया गया।

इस सम्मान समारोह के अवसर पर अपना आशीर्वाद देते हुए श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि उत्तराखंड आचार्य द्रोण की कर्मभूमि रही है और हमें उस गौरवशाली परंपरा को पुनः जीवित करना होगा। उन्होंने कहा कि आज युवा तीरंदाजों द्वारा किए जा रहे परिश्रम और उनकी सफलता को देखते हुए लगता है कि हमारे युवा उस गौरवशाली परंपरा को जीवित रखेंगे। रविंद्र पुरी ने कहा कि धनुर्विद्या भारत की प्राचीनतम विधा है और उसका आधुनिक परिप्रेक्ष्य में पुनरुत्थान करना प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य हैं।

इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील बत्रा ने सभी विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि श्री महंत रविंद्रपुरी द्वारा कॉलेज परिसर में स्थापित द्रोणाचार्य अकादमी तीरंदाजी के क्षेत्र में निरंतर परिश्रम कर रही है और आचार्य द्रोण की प्रेरणा लेकर तीरंदाजाें को उत्तम दीक्षा प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज के युवा अर्जुन की भांति जीवन के लक्ष्य को केंद्रित कर रहे हैं जो कि देश के उज्जवल भविष्य को दर्शाता हैं।

राज्य स्तर पर हुई इस तीरंदाजी प्रतियोगिता में पुरुष सीनियर वर्ग में कार्तिक राना ने स्वर्ण पदक, जितेंद्र ने रजत पदक तथा आदर्श नेगी ने कांस्य पदक प्राप्त किया। बालिका सीनियर वर्ग में अनीशा सेमवाल को स्वर्ण, सिया को रजत तथा अवनिशा को कांस्य पदक मिला। बालक सब जूनियर वर्ग में युवराज सिंह को स्वर्ण, जन्मजय चौहान को रजत तथा अगत्सय शर्मा को कांस्य पदक मिला, जबकि बालिका सब जूनियर वर्ग में मानवी ने स्वर्ण, पावनी ने रजत तथा दिया ने कांस्य पदक प्राप्त किया।

इस अवसर पर उत्तराखंड तीरंदाजी संघ के उपाध्यक्ष रमेश प्रसाद, हरिद्वार आर्चरी संघ के सचिव कुलदीप चौहान, चंद्रकांत शर्मा, संदीप कुमार दुकलान, धर्मपाल जेठूरी, सुनील कुमार अरोड़ा, राजकुमार ओबेरॉय, पूर्व पार्षद राजकुमार, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी, प्रो. विनय थपिलयाल, डॉ. नलिनी जैन, डॉ. पल्लवी, डॉ. मीनाक्षी शर्मा, डॉ. विनीता चौहान, डॉ. पूर्णिमा सुंदरियाल आदि उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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