
लखनऊ, 14 जून (Udaipur Kiran) । आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती-2023 परीक्षा निष्पक्ष, पारदर्शी और सकुशल संपन्न कराने के लिए राज्य सरकार अभेद्य चक्रव्यूह ने नकल माफिया और साल्वर गैंग के मंसूबों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की अहम भूमिका रही थी। इसके जरिये परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली को रोकने में लिए पुख्ता इंतजाम किये गये थे। इसके अलावा न केवल प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को मजबूत किया गया था, बल्कि उनकी गोपनीयता भी सुनिश्चित की गई थी।
सरकारी प्रवक्ता ने शनिवार काे बताया कि मुख्यमंत्री योगी की सीधी मॉनीटरिंग से देश की सबसे बड़ी परीक्षा में शुमार पुलिस भर्ती परीक्षा पूरे देश में एक मॉडल बन गयी। अब देश के दूसरे राज्य भी यूपी के इसे अपना रहे हैं। पुलिस सिपाही भर्ती (60,244) की परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए आधुनिक तकनीक का भरपूर प्रयोग किया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिये 15 हजार प्रश्नों का एक विशाल प्रश्न बैंक तैयार किया, जिसे परीक्षा के दौरान रैंडमाइजेशन किया गया था। प्रश्नपत्रों को गोपनीय चिन्हों से सुरक्षित किया गया और मल्टी-लेयर पैकेजिंग की गई थी, ताकि किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न हो सके। योगी सरकार के मजबूत सुरक्षा उपायों ने नकल माफियाओं के मंसूबों को विफल कर दिया और पुलिस भर्ती परीक्षा को एक सफल और निष्पक्ष आयोजन में तब्दील कर दिया। वहीं, प्रश्नपत्रों में प्रश्नों को तीन कैटेगरी में बांटा गया था।
परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया था। इसके तहत सभी परीक्षा केंद्रों पर एआई सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। प्रश्न पत्रों को सुरक्षित रखने के लिए स्ट्रांग रूम, कोषागार की व्यवस्था की गई थी, जिसे सीसीटीवी और जीपीएस से लैस किया गया था। सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी अभ्यर्थियों का आधार सत्यापन कराया गया था। जिन अभ्यर्थी का ऑनलाइन आधार सत्यापित नहीं हो सका, उनका केंद्र पर बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया गया था। बोर्ड ने परीक्षा के संचालन के दौरान कड़ी सुरक्षा और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी की थी। परीक्षा के बाद सभी दस्तावेजों का निस्तारण भी इसी एसओपी के अनुसार किया गया था।
सरकार ने परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस अधिकारियों की फिजिकल ट्रेनिंग करायी थी। इस दौरान उन्हे सोशल मीडिया को लेकर किस तरह से अलर्ट रहना है, इसकी बारीकी से जानकारी दी गयी थी। इसके अलावा नकल माफिया और सॉल्वर गैंग के 1,541 लोगों की सूची तैयार की गयी और परीक्षा शुरू होने से पहले इन पर नकेल कसनी शुरू की गयी थी।
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(Udaipur Kiran) / दीपक
