-भगवान बिरसा मुंडा और लौहपुरुष सरदार
पटेल की 150वीं जयंती, अटल जी की जनशताब्दी और आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर वर्ष भर होंगे विविध
आयोजन
लखनऊ, 19
नवंबर (Udaipur Kiran) ।मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक
महत्वपूर्ण बैठक में भावी कार्यक्रमों पर चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आगामी वर्ष 2025 अत्यंत महत्वपूर्ण होने जा रहा है। यह
वर्ष धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव
वर्ष के रूप में मनाया जाना है, तो यह लौहपुरुष सरदार पटेल की 150 वीं जयंती का भी वर्ष है। एक ओर जहां
हम संविधान अंगीकार करने का अमृत महोत्सव मनाएंगे, वहीं लोकतंत्र की हत्या ‘आपातकाल’ के 50 वर्ष पूरे होने पर लोगों को जागरूक भी
किया जाना है। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयंती भी इसी वर्ष मनाई जाएगी। 2025 का यह वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री
श्रद्धेय अटल जी की जन्मशताब्दी वर्ष है तो इसी वर्ष हमें जीरो पॉवर्टी का लक्ष्य
भी पूरा करना है। यह पूरा वर्ष अंत्योदय से सर्वोदय, राष्ट्रीय एकता और सुशासन की परिकल्पना
को समर्पित होगा। इनके दृष्टिगत पूरे वर्ष आयोजन किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर से प्रारंभ हो रहे ‘संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष’ की शुरुआत पर राजधानी लखनऊ में शासन
स्तर के साथ-साथ सभी सरकारी संस्थानों, विभागों, कार्यालयों, विद्यालयों, विश्वविद्यालयों में संविधान की
प्रस्तावना का वाचन करते हुए
संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली जानी चाहिए। स्कूल, कॉलेजों में निबंध और डिबेट
आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। संसदीय कार्य विभाग इसका नोडल विभाग होगा। पूरे
वर्ष होने वाले कार्यक्रमों की विस्तृत कार्ययोजना यथाशीघ्र जारी कर दी जाए।
प्रयागराज
महाकुम्भ में पूरी दुनिया से लोगों का आगमन होगा। यह दुनिया के लिए भारत को जानने, समझने का सुअवसर है। महाकुम्भ में
भारतीय संविधान पराधारित ‘संविधान
गैलरी’ तैयार
कराई जाए। यहां संविधान सभा के गठन चर्चा-परिचर्चा, संविधान के बनने की पूरी प्रक्रिया को
ऑडियो-विजुअल माध्यम से प्रदर्शित किया जाए।
योगी ने
कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार जनजातीय समाज की
संस्कृति के संरक्षण और जनजातीय समाज के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर
रही है। बलरामपुर के इमिलिया कोडर में जनजातीय संग्रहालय भी स्थापित किया गया है, जबकि दो और संग्रहालय भारत सरकार
द्वारा स्थापित कराए जा रहे हैं। महाकुम्भ में भगवान बिरसा मुंडा पर और प्रदेश की
जनजातीय संस्कृति, सरकार के
प्रयासों पर केंद्रित विशेष गैलरी बनाया जाए।
अटल जी की
जन्मशताब्दी के अवसर पर विश्वविद्यालयों में अटल शोध पीठ तथा सुशासन पीठ की स्थापना
कराई जानी चाहिए। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इसमें आवश्यक कार्यवाही की जाए। इसी
प्रकार, सरदार
पटेल की 150वीं जयंती
वर्ष में राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करते हुए पूरे वर्ष विविध कार्यक्रमों के
माध्यम से मनाया जाना चाहिए। गृह विभाग इसका नोडल विभाग होगा।
उन्होंने
कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती को पूरे प्रदेश में बड़े स्तर
पर मनाया जाना चाहिए। आक्रांताओं के कालखण्ड में किस प्रकार अहिल्याबाई जी ने
भारतीय सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवन दिया।इससे नई पीढ़ी को परिचित कराया जाना
चाहिए। अहिल्याबाई जी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर स्कूल कॉलेजों में निबन्ध, डिबेट और सेमिनार का आयोजन भी कराया
जाए।
‘लोकतंत्र
की हत्या’ आपातकाल
के 50 वर्ष पूरे
होने के अवसर पर लोगों को अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से इसकी विभीषिका से नई
पीढ़ी को परिचित कराया जाना चाहिए। इस दौरान लोकतंत्र रक्षक सेनानियों का सम्मेलन
कराया जाना चाहिए। इस संबंध में सूचना विभाग द्वारा आवश्यक कार्ययोजना तैयार की
जाए।
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(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला