Uttar Pradesh

महाकुम्भ में 54 करोड़ लोगों के एकत्र होने पर दुनिया चकित : हरिवंश

हरिवंश जी

बलिया, 20 फ़रवरी (Udaipur Kiran) ।

महाकुम्भ के सफल आयोजन की सराहना करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि दुनिया चकित है कि 54 करोड़ लोग एक स्थान पर एकत्रित होकर सफलता पूर्वक वापस जा चुके हैं। वे टीडी कालेज के मनोरंजन हाल में गुरूवार को ‘हरिवंश का सृजन-संसार’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे।

हरिवंश यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में महाकुम्भ में दो-तीन अमेरिका नहा लेगा। यह भारत के पौरुष का प्रतीक है। कहा कि प्रयागराज में महाकुम्भ को सफल बनाने में योगदान देने वाले अधिकारी और कर्मचारी प्रसंशा के पात्र हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार बधाई की पात्र है। राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि इक्कीसवीं सदी में युवाओं का भाग्य शिक्षा ही बदल सकती है। श्रीमुरली मनोहर टाउन स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय और टाउन इंटर कालेज के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजयसभा के उपसभापति हरिवंश ने सबसे पहले भृगु मुनिको नमन करते हुए कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं इसमें बलिया की मिट्टी का योगदान है। इसका गौरवपूर्ण अतीत रहा है। यह ऋषियों और साधकों व क्रान्तिकारियों की धरती है। अपने बचपन को याद करते हुए कहा कि मैं जहां पैदा हुआ वहां छह महीने तक बाढ़ का पानी रहता था। कहा कि गरीब भाग्य से होते हैं पर शिक्षा ने बीते तीस-चालीस सालों में लोगों का भाग्य बदला है। युवाओं से अपील करते हुए कहा कि शिक्षा ही भाग्य बदल सकती है। क्योंकि शिक्षा ने सारे पुराने गणित को पलट दिया है।

उन्होंने उद्योगपति नारायण मूर्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि किस तरह उन्होंने शिक्षा के बल पर नए प्रतिमान गढ़े। कहा कि शार्टकट से सफलता पाना चाहते हैं तो आप जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकते। 2014 में मोदी के नेतत्व में टेक्नोलाजी में क्रन्तिकारी परिवर्तन हुए हैं। भारत दुनिया में मजबूत ताकत बन रहा है। यह पश्चिम दुनिया को सुहा नहीं रहा है। हमें सपेरे और जादूगरों का देश कहा जाता था। बावजूद इसके आज पूरी दुनिया भारत की तरफ उम्मीद की नजर से देख रही है। नई तकनीक से आने वाले दस सालों में पांच करोड़ नौकरियां मिलने वाली हैं। उन्होंने युवाओं के सामने पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी नकल करो। कहा कि

दुनिया टेक्नोलाजी के परिवर्तन के द्वार पर खड़ी है। पुरानी टेक्नोलाजी वाली नौकरियां खतरे में हैं। इसलिए आज के चुनौतिपूर्ण दौर में युवा नई टेक्नोलाजी अपनाएं।

विशिष्ट अतिथि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि हरिवंश जी का सृजन संसार बहुत विशाल है। इतना अध्ययनशील राजनेता और पत्रकार वर्तमान दौर में बहुत कम रह गए हैं। हरिवंश जी की किताब ‘सृष्टि का मुकुट कैलाश मानसरोवर’ का जिक्र करते हुए कहा कि मानव अपने किए होने का एहसास न करे तो उसका जीना बेकार है। मनुष्य को कृतज्ञ होना चाहिए।

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा के पत्रकारिता विभाग के प्रो. कृपाशंकर चौबे ने कहा कि अभी तक हरिवंश जी ने 28 मौलिक किताबों का सृजन किया है। यह उनकी पत्रकारिता और लेखन यात्रा को समझने के लिए काफी है। हरिवंश जी की लेखनी में देश और दुनिया की समस्याओं पर चिंतन है। साथ ही समस्याओं का समाधान भी है।

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(Udaipur Kiran) / नीतू तिवारी

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