
डीसी ने समीक्षा कर तय समय में लक्ष्य हासिल करने के दिए निर्देश
हिसार, 19 फरवरी (Udaipur Kiran) । जिले में 21वीं पशुधन गणना का कार्य तेजी से चल रहा
है। अब तक पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सर्वे टीम द्वारा 1 लाख 96 हजार 622 घरों का
सर्वे किया जा चुका है, जिसमें लगभग 3 लाख पशुओं का डाटा जुटाया गया है। उपायुक्त अनीश यादव ने इस संबंध में बुधवार को पशुपालन एवं डेयरी विभाग के
अधिकारियों को इस कार्य में और भी तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
उपायुक्त अनीश यादव
ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ. सुभाष जांगड़ा से अब तक जुटाए गए डाटा
पर रिपोर्ट ली है। अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा करते हुए उपायुक्त अनीश यादव ने उपनिदेशक
डॉ. सुभाष जांगड़ा को निर्देश दिए है कि इस कार्य को जल्द तय समय पर पुरा किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस डाटाबेस के आधार पर पशुपालन क्षेत्र से संबंधित अलग-अलग परियोजनाओं
पर काम होता है। ऐसे में यह डाटा स्टिक तथा जल्द जुटाते हुए सब्मिट किया जाए।
133 वीएलडीए और 27 वेटरनरी सर्जन को लगाया
उप निदेशक डॉ. सुभाष जांगड़ा ने बताया कि जिले के 405 गांवों व वार्डों में
यह सर्वे किया जा रहा है, जिनमें से 60 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्र में सर्वे का कार्य
पूरा हो चुका है। पशुधन गणना पूरी तरह डिजिटल माध्यम से ऐप के जरिये की जा रही है,
जिससे पशुपालन एवं डेयरी विभाग को पशुओं की सटीक जानकारी मिल सकेगी। गणना कार्य को
सुचारू रूप से पूरा करने के लिए 133 वीएलडीए और 27 वेटरनरी सर्जन को लगाया गया है।
विभाग के वीएलडीए घर-घर जाकर पशुधन का डाटा एकत्र कर रहे हैं, जबकि वेटरनरी सर्जन सुपरवाइजर
की भूमिका में हैं। इनकी रिपोर्ट पर ही गणना को स्वीकृति दी जाएगी। अभी तक जिले के
पोल्ट्री फार्मों में 27 लाख 71 हजार 223 पक्षियों की गणना पूरी हो चुकी है।
डाटा में जुटाई जा रही है तमाम जानकारी
विभाग के अनुसार पशुधन गणना के लिए कर्मचारी द्वारा प्रत्येक घर से पशुधन संबंधी
डाटा एकत्र किया जा रहा है। गांव की कुल पशुधन संपदा का आंकलन करने के लिए पालतू जानवरों
और पक्षियों की गणना की जा रही है। यह गणना सभी गांवों एवं शहरी वार्डों में की जाएगी।
घरों एवं उद्यमों में मौजूद पशुओं की प्रजातियां जैसे भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरी,
घोड़ा, गधा, टट्टू, खच्चर, सुअर, कुत्ता, ऊंट, खरगोश एवं हाथी की नस्लों को गिना जाएगा।
इसके अलावा पोल्ट्री पक्षी जैसे मुर्गी एवं बत्तख के साथ-साथ अन्य पोल्ट्री पक्षियों
की गणना उनके वास स्थान पर उम्र, लिंग एवं नस्ल के अनुसार की जाएगी।
पिछली पशुगणना जो कि सरकार द्वारा 2019 में की गई थी, उसके अनुसार हिसार जिले
में 408 गांव तथा वार्ड हैं, जिनमें 1 लाख 64 हजार गाय, 4 लाख 17 हजार 714 भैंस, बकरी
19 हजार 417, भेड़ 34 हजार 407 व सुअर 4 हजार 381 है। इनकी कुल संख्या 6 लाख 39 हजार
975 बनती है। डाटा के मुताबिक हिसार जिले में 141 छोटे व 90 बड़े पशुओं से संबंधित
अस्पताल हैं।
गणना से मिलेगी पशुपालन क्षेत्र की विस्तृत जानकारी
पशुधन गणना के उद्देश्य के बारे में उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि पशुपालकों
और पशुपालन विभाग को पशुओं की संख्या, नस्ल, उत्पादकता, उम्र, स्वास्थ्य और पशुपालन
के रुझान की विस्तृत जानकारी मिलेगी। इससे यह तय किया जाएगा कि जिले में कितनी मात्रा
में दवाइयों, ब्रिडिंग सेवाओं, टीकाकरण और अन्य सुविधाओं की आवश्यकता होगी। इसके अलावा
नए पशु अस्पताल खोलने पर भी निर्णय लिया जा सकेगा।
दिसंबर में शुरू हुई थी गणना
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ. सुभाष जांगड़ा ने बताया कि यह कार्य
दिसंबर 2024 में शुरू किया गया था। पहले पशुधन गणना को 31 मार्च 2025 तक पूरा करने
का लक्ष्य था, लेकिन अब इसे फरवरी 2025 के अंत तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बुधवार को गांव कैमरी पहुंचकर सर्वे टीम का निरीक्षण भी किया तथा साथ ही संजीदगी
बरतने बाबत निर्देश भी जारी किए।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
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