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समस्त विश्व को भारत से ही दिशा मिलेगी : योगगुरु बाबा रामदेव

मलूक दास जयंती महोत्सव में पहुंचे कार्ष्णि शरणानन्द महाराज एवं योग गुरू बाबा रामदेव

– गुरु ही भगवत कृपा पाने का एक सरल मार्ग है : गुरु शरणानन्द महाराज – मलूक दास जयंती महोत्सव में पहुंचे कार्ष्णि शरणानन्द महाराज व रामदेव

मथुरा, 18 अप्रैल (Udaipur Kiran) । वृन्दावन नगर वंशीवट स्थित श्री मलूकपीठ बिहारी सेवा संस्थान में चल रहे श्रीमद् जगद्गुरु द्वाराचार्य श्री मलूकदास देवाचार्य महाराज के 451वें जयन्ती महोत्सव के सप्तम दिवस मलूकदास की जयन्ती समाराेह में शुक्रवार काे योगगुरु बाबा रामदेव एवं कार्ष्णि पीठाधीश्वर गुरु शरणानन्द महाराज पहुंचे। योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि आज पूरा देश एक आर्थिक, राजनैतिक ,धार्मिक एवं सांस्कृतिक आतंकवाद के दौर से गुजर रहा है। सनातन विरोधी, बहुत तरह के षड़यंत्र कर रहे हैं। हमें ऐसा प्रयास करना होगा कि चारोतरफ हमारी शक्ति, आचरण, सामर्थ और संगठन से सनातनी विरोधी दुर्योधन को परास्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि समस्त विश्व को भारत से ही दिशा मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि वे भारत के आचार्यों परम्परा में एक महान आचार्य मलूक दास महाराज के जयंती महोत्सव में सम्मिलित होना गौरव पूर्ण क्षण है। उन्होंने सभी से राष्ट्रधर्म एवं सनातन धर्म का पालन करने का अनुरोध किया।

गुरु शरणानन्द महाराज ने कहा कि बिना गुरु के भगवत कृपा पाना भव सागर को पार करने के समान है, इसलिए हर मनुष्य को गुरु दीक्षा अवश्य ग्रहण करनी चाहिए, और गुरुओं के बताए मार्ग पर चलना चाहिए क्योंकि गुरु ही भगवत कृपा पाने का एक सरल मार्ग है।

इससे पूर्व मलूक पीठ में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा समापन दिवस पर व्यासपीठ से बोलते हुए श्रीमज्जगद्गुरू अग्रदेवाचार्य एवं मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेन्द्रदास देवाचार्य महाराज ने श्रीमद्भागवत के मुक्ति खण्ड पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भागवत कथा की सार्थकता यही है कि जीव अपने कर्मो का पालन करते हुए स्वयं को राग-द्वेष सहित सभी सांसारिक बन्धनों से स्वयं को मुक्त कर ले।

कथा के समापन के बाद मलूक दास महाराज के जयंती पर्व पर सम्मिलित होने पहुंचे योग गुरु बाबा रामदेव एवं कार्ष्णि पीठाधीश्वर गुरु शरणानन्द महाराज सहित अनेकों संत-महंतों द्वारा श्रीमद्जगद्गुरु मलूक दास महाराज की समाधि का पूजन एवं बधाई गायन भी किया गया। महोत्सव में गोरे लाल पीठाधीश्वर महाराज, संत लाडली शरण महाराज, संत रसिक माधव दास महाराज, गोपेश बाबा, अनुराग दास महाराज, धनंजय दास आदि संत उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / महेश कुमार

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