कठुआ 09 जनवरी (Udaipur Kiran) । गत 09 जून 2024 को कठुआ के हीरानगर के अधीन पड़ते गांव मेला निवासी अमरजीत की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी जिनके परिजन बरनोटी में आयोजित डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला की जनसभा में इंसाफ की मांग को लेकर पहुंचे लेकिन मुलाकात नहीं हुई, पीड़ित परिवार वालों ने डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला के प्रति रोष व्यक्त किया और कहा कि 8 महीने बीत जाने के बाद भी उन्हें इंसाफ नही मिला, सभी एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं।
गुरुवार को कठुआ के बरनोटी में स्थित एक निजी पैलेस में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। इसी बीच एक पीड़ित परिवार उनसे मिलने जनसभा में पहुंचा लेकिन उनकी मुलाकात डॉक्टर फारूकअब्दुल्ला से नहीं हुई जिसके चलते उन्होंने रोष व्यक्त किया। पीड़ित परिवार ने कहा कि 9 जून 2024 को उनके घर के एक सदस्य की आंतकियों ने गला रेतकर हत्या कर दी थी जिसे लेकर आज तक उन्हें इंसाफ नहीं मिला है। इंसाफ की मांग को लेकर कठुआ के बरनोटी में आयोजित डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला की जनसभा में पहुंचे लेकिन डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि सुबह 11 बजे के कार्यक्रम स्थल में पहुंचे हुए हैं और तीन बजे तक मुलाकात के लिए इंतजार करते रहे लेकिन उनकी मुलाकात डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला से नहीं हुई। उन्होंने बताया कि 9 महीने पहले हीरानगर के सैडा गांव में आंतकवादी हमला हुआ था और उसमें जो आतंकवादी मारे गए थे उनके पैरों के निशान और मेला गांव जहां पर उसके भाई की हत्या हुई थी, उसकी एफएसएल रिपोर्ट मैच कर गई थी। उन्होंने कहा कि उग्रवादियों के कुछ मददगार आज भी खुलेआम घूम रहे हैं, उन्होंने कहा कि मददगारों की वजह से ही उनके भाई की हत्या हुई है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई या एनआईए द्वारा करवाई जाए। उन्होंने कहा कि इससे पहले जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा सिट का गठन किया गया था लेकिन आज तक कोई भी स्थिति साफ नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि इसी आस को लेकर आज वे डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला से मिलने आए थे और उनके आगे इंसाफ की गुहार लगाएंगे लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हुई।
—————
(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया