जौनपुर,26 नवंबर (Udaipur Kiran) । बीते 22 नवंबर को हुई महिला सुभद्रा निषाद के हत्या में पुलिस के लचर क्रिया कलापा और आरोपियों के खिलाफ हल्की धारा लगाकर उन्हें बचाने को लेकर सुभद्रा के परिजनों ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर कार्यालय का घेराव कर जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि हत्या करने वालों के खिलाफ दी गयी नामजद तहरीर के आधार पर उन्हें हत्या का मुलजिम नहीं बनाया गया। उन सबको सहयोगी बनाकर पुलिस ने एक नाबालिग लड़की के द्वारा हत्या करने का आरोप लगाकर उसे मुख्य मुलजिम बना दिया। वहीं नामजद आरोपियों की दो दिन के अंदर जमानत हो गयी। वह लोग बाहर आने के बाद हम सभी को भी जान से मारने के लिए डरा धमका रहे है।
एसपी कार्यालय के बाहर लगभग एक घंटे तक चले हंगामे के बाद एसपी सिटी ने मामले की विवेचना क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी। उसके बाद परिजनों को पुलिस द्वारा समझा बुझाकर परिजनों को वापस घर भेजा। विदित हो कि बीते 22 नवंबर को थाना तेजी बाजार क्षेत्र के गांव चोरहा निवासी महिला सुभद्रा निषाद पत्नी इंद्रेश निषाद का शव सुबह 10 बजे के लगभग क्षत विक्षत हालत में मिला था। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर मामले की तहकीकात करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार कर मामले का सनसनीखेज खुलासा किया। एसपी ग्रामीण शैलेन्द्र कुमार सिंह ने खुलासा करते हुए मीडिया को बताया कि मुख्य अभियुक्ता सरिता ने इस घटना को अंजाम दिया है। सरिता का मृतक सुभद्रा के लड़के विशाल से अवैध संबंध था जिससे वह शादी करना चाहती थी। दोनों के संबंधों के बीच उसकी माँ सुभद्रा बाधक बन रही थी। सरिता ने हासिये से वार करते हुए सुभद्रा की हत्या कर दी। इस घटना में सरिता के पिता व उसके भाईयों ने उसका सहयोग करते हुए शव को ठिकाने लगाया था।पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया था।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव