
फिरोजाबाद, 20 मार्च (Udaipur Kiran) । थाना दक्षिण पुलिस पर चरस में पकड़े गए अभियुक्त के बाबा ने नाती के अपहरण तथा फिरौती मांगने का आरोप तथा रकम न देने पर झूठी बरामदगी में नाती को फंसाकर जेल भेजने का आरोप लगाया है। पुलिस के खिलाफ बाबा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई से पूर्व न्यायालय ने इस मामले में एसएसपी को आदेश दिए है कि वह किसी वरिष्ठ अधिकारी से जांच करा न्यायालय में जांच आख्या प्रस्तुत करे।
थाना लाइनपार के रूपसपुर निवासी रामप्रकाश ने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि उसका नाती शिवम उर्फ शिवा 3 मार्च को सुहाग नगर से अपनें गाँव जा रहा था। नगला मोती ठार वाजिदपुर के मोड़ पर एक मोटर साईकिल पर दाे लोगों ने रोका। उससे कहा तुम्हारे पिता का एक्सीडेंट जेल के पास जलेसर रोड पर हो गया है। उनको अस्पताल भेज दिया है। उसे नाले का मोड़ हिमायूँपुर ले जाकर कमरें में बन्द कर दिया। उससे मारपीट की तथा दाे लाख रूपये घर से मंगवानें को फोन करने के लिए दोनों व्यक्ति दबाव डालते रहे। धमकी दे रहे थे कि अगर दाे लाख रूपये नहीं मंगवाये तो तेरी लाश को जंगल में फेंक देंगे। जब नाती बेहोश हो गया तो वह लोग पुलिस की जीप में बैठाकर थाना दक्षिण ले जाकर बन्द कर दिया। फर्जी चरस बरामदगी का मुकद्दमा लगा दिया। उनमें से एक ने खुद को पुलिस कर्मी बताया।
बाबा का यह भी आरोप है निरीक्षक योगेन्द्र सिंह, उप निरीक्षक, सिहराज सिंह, उप निरीक्षक सौरभ कुमार, कांस्टेबल रिन्कू कुमार के सहयोग से षडयंत्र करके झूठी बरामदगी दर्शाकर उक्त मुकद्दमें में झूठा फंसाया गया है।
बाबा ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ अपहरण व फिरौती की रकम मांगने का मुकदमा दर्ज कराने की गुहार कोर्ट से की है।
न्यायालय विशेष न्यायाधीश (डीएए) अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-2 सर्वेश कुमार पांडेय ने इस मामले की सुनवाई से पूर्व 26 मार्च तक एसएसपी से आख्या तलब की है। न्यायालय का कहना है पुलिस कर्मचारीगण न्यायालय के समक्ष यदि अपना पक्ष रखना चाहते हैं, तो वे सुनवाई की तिथि पर रख सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़
