कानपुर, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । कानपुर कमिश्नरेट की गोविंद नगर पुलिस ने बुधवार को एक शातिर वाहन चोर को धर दबोचा। चोर के पास से चोरी की 10 बाइकें बरामद हुई हैं। चोर ने पुलिस को चोरी जो कहानी बताई उसे सुनकर सब दंग रह गये। चोर ने बताया कि उसके पास एक बाइक थी जिसे वह बेंच चुका था। इसके बाद चोरी कर जो भी बाइक लाता उस पर अपनी ही बेची हुई बाइक का नंबर लगा देता। चोरी की इन सभी बाइकों को अपने परिचितों व रिश्तेदारों को बहुत ही कम रुपयों पर गिरवीं रख देता है। इससे किसी को चोरी की बाइक होने का शक नहीं होता था और रुपया भी मिल जाता था।
बाबूपुरवा एसीपी अंजली विश्कर्मा ने बुधवार को प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि कानपुर शहर में अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाए जाने के उद्देश्य से दक्षिण इलाकांे के तमाम चौराहों पर वाहन चेकिंग लगाई जा रही है। इससे यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे लोगों के साथ-साथ संदिग्धों पर भी विशेष तौर पर कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में बीती शाम गोविंद नगर थाना क्षेत्र के रतनलाल नगर इलाके में वाहन चेकिंग की जा रही थी। तभी पुलिस की नजर एक संदिग्ध बाइक सवार पर पड़ी, जो पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करने लगा। इसी बीच पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसे पकड़ लिया। जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने अपना नाम वीर प्रताप उर्फ वीरू बताया जो महोबा जिले का रहने वाला है। वर्तमान समय में वह कानपुर के गुजैनी इलाके में रह रहा है।
पुलिसिया पूछताछ के दौरान उसने कई बार पुलिस को गुमराह करने की भी कोशिश करी। ऐसे में जब उसकी तलाशी ली गई तो सभी के होश उड़ गए। उसके पास से एक चाबियों का गुच्छा बरामद हुआ, जिसमंे सात बाइकों की चाबियां थी। ऐसे में पुलिस का शक उस पर और भी ज्यादा गहरा गया। वहीं जब पुलिस ने उसकी बाइक के माध्यम से पता लगाया तो यह ज्ञात हुआ कि, यह बाइक महोबा जिले से चोरी हो चुकी है। जिसकी रिपोर्ट भी पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है। आगे उसने बताया कि उसके पास चोरी की 9 बाइकें और भी हैं। जिन्हें वह अपने नजदीकियों और रिश्तेदारो के घर गिरवी रखकर कुछ रुपये ले आता था। वह अपने रिश्तेदारों से इतने कम रुपए की डिमांड करता था कि किसी को भी उसे पर शक नहीं होता था। इन सब में सबसे चौका देने वाली बात यह है कि इन घटनाओं को वह अकेले ही अंजाम देता था।
बाइकों की नंबर प्लेट में करता था बदलाव
चोर ने बताया कि तीन साल पहले उसने अपनी पत्नी के नाम पर एक बाइक खरीदी थी। हालांकि कुछ समय बाद उसने उसे बाइक को बंेच भी दिया था। उसके बाद उसने पहली बाइक महोबा से चुराने के बाद अपने द्वारा बेची गई बाइक का नंबर उस पर लगा दिया। इसी तरह से वह जितने बार भी बाइक चोरी करता था उसमें अपने द्वारा बेची गई बाइक की नंबर प्लेट लगाकर हमीरपुर और बांदा में जाकर अपने रिश्तेदारों को यह बोलकर बाइक दे देता था कि उसे पैसों की जरूरत है। दो-तीन महीने बाद वापस आकर रुपए लौटाकर कर बाइक वापस ले लेगा। फिर वही चोरी की बाइकों को कानपुर के अलग-अलग स्थानांे पर खड़ी करता इसका सौदा करता था। हालांकि पुलिस ने शातिर वाहन चोर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
—————
(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap