Jammu & Kashmir

जीडीसी हीरानगर में वर्मीकंपोस्टिंग परियोजना का सफलतापूर्वक समापन हुआ

Vermicomposting project successfully completed at GDC Hiranagar

कठुआ 23 मई (Udaipur Kiran) । राजकीय जीएलडीएम डिग्री कॉलेज हीरानगर के इको-क्लब और पर्यावरण विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ द्वारा दिए गए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन में वर्मीकंपोस्ट तैयार किया।

इससे कुछ महीने पहले कॉलेज में केवीके कठुआ के सहयोग से पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था, जिसमें विद्यार्थियों को वर्मीकंपोस्टिंग का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही कॉलेज परिसर में एक वर्मीबेड भी स्थापित किया गया। विद्यार्थियों ने नियमित अंतराल पर इसकी देखभाल की। अब जब खाद उपयोग के लिए तैयार है, तो विद्यार्थियों ने केवीके के अधिकारियों की सहायता से वर्मीकंपोस्ट की कटाई की। खाद को छानकर सुखाया गया और पैक किया गया। तैयार वर्मीकंपोस्ट का उपयोग कॉलेज परिसर में किया गया और इच्छुक विद्यार्थियों में भी वितरित किया गया। पूरा प्रशिक्षण कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. प्रज्ञा खन्ना के कुशल नेतृत्व में आयोजित किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों डॉ. विशाल महाजन, डॉ. अनामिका जामवाल, अमित और सुशांत शर्मा को कॉलेज में छात्रों के लिए उपलब्ध कराए गए सभी संसाधनों, प्रशिक्षण और सहायता के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का समन्वयन ईको-क्लब की संयोजक और पर्यावरण विज्ञान विभाग की प्रमुख प्रोफेसर नीरू शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें वर्मीकंपोस्टिंग में कौशल प्राप्त होता है जो जैविक खेती जैसी समकालीन प्रथाओं के लिए महत्वपूर्ण है। कॉलेज के इको-क्लब समिति के सदस्य प्रोफेसर नम्रता, प्रोफेसर गंगा, प्रोफेसर बलविंदर और प्रोफेसर तम्मना ने भी छात्रों को उनके प्रयास में पूरे दिल से प्रोत्साहित किया और उनका समर्थन किया।

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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया

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