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रिश्वत मामले में अल्माेड़ा के तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी को तीन साल की सजा

चिकित्सकों पर मेडिकल के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप, सीएमएस ने बैठाई जांच

देहरादून, 24 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हल्द्वानी (नैनीताल) स्थित उत्तराखंड सतर्कता अधिष्ठान ने वर्ष 2017 में एक रिश्वत के मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह को दोषी ठहराया। इस मामले में कोर्ट ने उन्हें तीन वर्ष की सजा सुनाई और 25 हजाररुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न अदा करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

दरअसल, अल्मोड़ा जनपद निवासी रिजवानुर्रहमान ने 25 अप्रैल 2017 को सतर्कता अधिष्ठान के हल्द्वानी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। उस समय अशोक कुमार सिंह मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा के पद पर कार्यरत थे। शिकायत में फैजे आम सिटी मॉडर्न जूनियर हाईस्कूल की मान्यता के लिए 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगने की बात कही थी। शिकायत के आधार पर सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक पंकज उप्रेती की टीम ने 28 अप्रैल 2017 को तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। थाना सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी में इस मामले को पंजीकृत कर जांच की गई थी। विवेचना निरीक्षक संजय कुमार पांडेय ने अशोक कुमार सिंह के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में पेश किया था। इस मामले में अभियोजन अधिकारी दीना रानी ने 13 गवाहों के बयान न्यायालय में प्रस्तुत किए। मामले की पैरवी मुख्य आरक्षी सतपाल राम चिन्याल ने की थी। मामले की सुनवाई करते हुए काेर्ट ने 23 दिसंबर 2024 को अपना निर्णय सुनाया। काेर्ट ने अशोक कुमार सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत तीन वर्ष के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया। उत्तराखंड सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक डॉ. वी. मुरूगेशन ने नागरिकों से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आगे आएं और यदि उन्हें कोई भ्रष्टाचार से संबंधित जानकारी हो तो वे टोल फ्री नंबर 1064 पर कॉल करके इसकी सूचना दें।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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