देहरादून, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक के लिए बनी प्रवर समिति का कार्यकाल एक माह बढ़ा दिया गया है। सभापति शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने समिति का कार्यकाल बढ़ाने की सिफारिश की थी।
दरअसल, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक के लिए विधानसभा ने प्रवर समिति गठित कर अधिसूचना जारी की थी। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को समिति का सभापति बनाया गया था। जबकि पक्ष-विपक्ष के छह विधायकों को सदस्य नामित किया गया था। विधेयक में नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण का परीक्षण कर प्रवर समिति को विधानसभा अध्यक्ष को एक माह में रिपोर्ट सौंपनी थी। इसी के साथ प्रदेश में निकाय चुनाव का रास्ता साफ हुआ। प्रवर समिति ने बैठक में स्पष्ट कर दिया था कि 2011 की जनगणना के आधार पर जिस तरह 2018 के निकाय चुनाव हुए थे, वैसे ही ओबीसी आरक्षण इस बार के चुनाव में भी दिया जाएगा।
विधानसभा कक्ष में प्रवर समिति की बैठक में सभापति प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया था कि निकाय चुनाव के लिए 10 नवंबर को हाईकोर्ट में कार्यक्रम पेश कर दिया जाएगा। चूंकि यह मुद्दा काफी व्यापक है। इसके लिए और अधिक समय की जरूरत है। लिहाजा, प्रवर समिति का कार्यकाल बढ़ाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया जाएगा। अब समिति का कार्यकाल एक माह के लिए बढ़ा दिया गया है।
विधानसभा के उप सचिव लेखा हेमचंद्र पंत ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक 2024 पर गठित प्रवर समिति का कार्यकाल नौ अक्टूबर के बाद एक माह तक के लिए बढ़ा दिया है।
(Udaipur Kiran) / राम प्रताप मिश्र