
नाव पर मिला बैराग्य-पत्र
मीरजापुर, 2 मई (Udaipur Kiran) । विंध्याचल कोतवाली क्षेत्र के अर्जुनपुर गंगाघाट पर शुक्रवार को दिन के ठीक एक बजे एक रहस्यमय घटना ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया। गंगा पार जा रही एक किशोरी ने नाव की मध्यधारा में अचानक छलांग लगा दी। नाव पर मौजूद चार अन्य सवारियों के सामने यह सब कुछ पलों में हुआ, और वे देखते रह गए।
घटना में खास बात यह रही कि 18 वर्षीय यह किशोरी अपनी साइकिल के साथ नाव पर सवार थी और उसने अपनी योजना का संकेत पहले से ही छोड़ दिया था। नाव में उसका एक पत्र मिला, जिसमें उसने खुद को “भगवान की अमृत संतान” बताते हुए लिखा—
मेरे मां-बाप नहीं हैं। परमपिता परमेश्वर ही मेरे सब कुछ हैं। मैं बैराग्य धारण कर ली हूँ। इस दुनिया में अब मेरा कोई काम नहीं है। जन्म-मृत्यु पहले से तय होती है।
इस भावनात्मक और रहस्यमयी खत ने घटना को आत्महत्या से ज़्यादा एक आध्यात्मिक प्रस्थान का रंग दे दिया है। किशोरी ने कोई स्पष्ट पहचान पत्र नहीं छोड़ा, जिससे उसकी पहचान अभी भी रहस्य बनी हुई है।
जैसे ही यह सूचना फैली, अर्जुनपुर घाट से लेकर इब्राहिमपुर घाट तक अफरा-तफरी मच गई। भदोही जनपद के गोपीगंज कोतवाली और मीरजापुर के विन्ध्याचल थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। नगर मजिस्ट्रेट विवेक जावला और कोतवाली प्रभारी अमित कुमार दल-बल के साथ पहुंचे और गोताखोरों को बुलाकर नदी में सघन तलाशी शुरू कराई।
इस बीच गंगा घाट पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई है। कोई घटना को आत्मिक मोक्ष मान रहा है तो कोई इसे एक सामाजिक विफलता। स्थानीय लोगों में चर्चा है कि कहीं यह किसी मानसिक तनाव का परिणाम तो नहीं या फिर किसी गुरुदेव या पंथ से प्रभावित होकर उसने ऐसा कदम उठाया।
पुलिस अब दो जिलों की सीमाओं मीरजापुर और भदोही में खोज अभियान चला रही है। किशोरी के साइकिल और खत को कब्जे में ले लिया गया है और उसकी पहचान के प्रयास जारी हैं।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
