Uttar Pradesh

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विभाग अग्रणी, पीएम एफएमई योजना का स्ट्राइक रेट 98 प्रतिशत— केशव प्रसाद मौर्य  

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ, 07 फरवरी (Udaipur Kiran) । उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय में खाद्य प्रसंस्करण की समीक्षा व रणनीति पर विचार- विमर्श करने के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से वार्ता की। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विभाग अग्रणी है। प्रदेश में सबसे अधिक खाद्य प्रसंस्करण के उद्योग स्थापित हैं। पीएम एफएमई योजना में इस वर्ष स्वीकृत प्रस्ताव सर्वाधिक है, जिनका स्ट्राइक रेट 98 प्रतिशत हैं। उसमें भी हम प्रथम स्थान पर हैं। पीएम एफएमई योजना में पन्द्रह हजार से अधिक इकाइयों को अनुदान स्वीकृ​ति प्रदान की गयी, जिसके माध्यम से एक लाख पचास हजार से अधिक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन किया गया है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने कहा कि प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमियों द्वारा फल, शाकभाजी, मसाले, दूध, बेकरी, कन्फेक्शनरी, आइसक्रीम, पास्ता, मैक्रोनी, नूडल्स, फोर्टीफाइड राइस कर्नल, सोया चन्कस, गुड, चिप्स, आलू चिप्स, फूड सप्लीमेंट्स आधारित इकाइयां स्थापित की जा रही है। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्रदेश में किसानों के उत्पाद को देखते हुए अधिक से अधिक इकाइयों की स्थापना करायी जायें। वर्तमान समय में 65 हजार खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित हैं। खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से लगभग दो लाख पचपन हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार सृजन हो रहा है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की महिला स्वयं सहायता समूहों, महिला उद्यमियों द्वारा भी खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अहम योगदान दिया जा रहा है। महिलाएं मशरूम, शहद, मसाले, अचार, मुरब्बा, जैम, चटनी, शिशु आहार, फूड सप्लीमेन्ट्स आदि प्रसंस्कृत उत्पादों की इकाइयां संचालित कर रही हैं।

प्रदेश में निवेश को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण नीति के अंतर्गत पांच हजार करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश उद्यमियों द्वारा किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा 23 से अधिक कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं, जो कि देश में अग्रणी स्थान पर है। प्रदेश से प्रथम बार मखाने का एक्सपोर्ट किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के किसानों द्वारा हरी मिर्च, मसाले, शहद, चावल आदि का निर्यात किया जा रहा है। शहद उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। विभाग द्वारा पन्द्रह हजार से अधिक लाभार्थियों को मशरूम उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है। जिसके माध्यम से भी रोजगार सृजन व मार्केटिंग के अवसर उपलब्ध हैं।

(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र

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