लखनऊ, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । लखनऊ नगर निगम ने बुधवार की तड़के सुबह गली मोहल्लों में सड़क किनारे खराब पड़ी रोड लाइटों को बदल दिया। इससे दीपावली के एक दिन पहले अंधेरा झेल रही सड़कें रोशनी से जगमगा उठी।
नगर निगम के जोन एक और तीन में करीब 33 खम्भों पर रोड लाइट नहीं जलती थी और खराब पड़ी थी। जिसकी नगर निगम में कई बार शिकायतें भी हुई थी। मंगलवार की देर रात्रि से बुधवार की सुबह पांच बजे तक इन सभी रोड लाइटों को बदल दिया गया। दीपावली के कुछ घंटों पहले नगर निगम के इस कार्य की कुछ लोगों ने तारीफ की तो अधिकांश लोगों ने इस बात की आलोचना की कि नगर निगम में शिकायतों की सुनवाई बहुत देर से होती है। गोकर्णनाथ मिश्रा मार्ग निवासी दिलीप पाठक ने बताया कि बीते एक माह से उनके गली और सड़क के बीच में लगी रोड लाइट खराब थी। जिसे बुधवार की सुबह तड़के सुबह बदल दिया गया। पाठक ने बताया कि रोड लाइट बदलने से सड़क पर जगमगाती हुई रोशनी हो गयी। नगर निगम के कर्मचारियों ने अपने अधिकारी की बात सुनी तो है, लेकिन एक माह तक उन्हें और अन्य लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
वालाकदर मार्ग निवासी मोहम्मद खान ने कहा कि नगर निगम को जब भी इच्छा होती है, तभी वे काम करते हैं। उनके कार्य को पूरा होने में काफी समय लग जाता है। यह नहीं होता है कि कार्य को तय समय पर पूरा कर सके। नगर निगम जोन एक में ज्यादातर शिकायतों पर अमल नहीं कराया जाता है। अधिकारी अपने ही मस्ती में रहते है।
उन्होंने कहा कि लालबाग क्षेत्र में ज्यादातर दुकानों को नोटिस भेजना और वसूली करना नगर निगम का यही काम रह गया है। अतिक्रमण हटाना, सड़क किनारे वाहनों को हटवाना, गुमटियां ठेलों को नो वेडिंग जोन से हटवाना इन कार्यों को नगर निगम अब नहीं करता है।
नगर निगम के विद्युत व्यवस्था से जुड़े कर्मचारियों ने कहा कि वर्तमान समय में उन्हें रोड लाइटों को बदलने का मुख्य कार्य आदेशित हुआ है। जिसे वे कर रहे हैं। रोड लाइटों की उपलब्धता होने के बाद ही लखनऊ शहर में इस कार्य को शुरु कराया गया है। जिन्हें दीपावली की एक रात पहले तक पूरा कर लिया जायेगा।
नगर निगम के पार्षद रंजीत सिंह ने बुधवार को बताया कि बीते दो सप्ताह पूर्व में मनकामेश्वर मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर पूरी तरह से अंधेरा छाया हुआ था। जिसके बाद नगर आयुक्त तक शिकायत कर रोड लाइटों को बदलवाया गया था। दीपावली पर नगर निगम के अधिकारियों को सदबुद्धि आयी है, इसके लिए वह उन्हें धन्यवाद करते है।
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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र