अनूपपुर, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश भागवत प्रदेश है यहां पर मेरी कथाएं निरंतर हो रही है। भागवत सभी को सुनना चाहिए कथा सुनने से,कथा गाने से मंगल होता है। ऐसा संयोग बार-बार बनता नहीं। श्री राम कथा सेवा समिति अनूपपुर ने निश्चित ही कठोर श्रम किया है जब यह अवसर आप सबके सामने आया है। जो कथा कहेंगे वह श्री रामचरितमानस से होगी। यह कथा भक्ति का दूसरा सोपान है। जीवन में सहजा अवस्था होती है जहां व्यक्ति कुछ नहीं होता। व्यक्ति और व्यक्तित्व का जो रूप है वह सहजा अवस्था हैं। कोई भी ग्रंथ लिखा जाता है उसमें पूर्वा वाक्य हैं। लेखक अपने भाव लिखता है।
यह बातें मंगलवार को अनूपपुर में श्री राम कथा समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा में प्रथम दिवस कथा वाचक प्रेम भूषण महाराज ने अपने श्री मुख से उपस्थित धर्म प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहीं। श्री राम सेवा समिति 19 से 27 नवंबर तक श्रीराम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कथा में श्री राम की महिमा का बखान करते हुए कहा कि भगवान राम की लीलाओं,उनकी महानता और उनके द्वारा दिखाए गए मूल्यों का वर्णन किया। श्री राम कथा की महिमा को कई तरीकों से बताया गया है। राम कथा की महत्ता बताते हुए कहा कि राम कथा का पाठ करना और सुनना कितना महत्वपूर्ण है। यह कथा हमें भगवान राम की महानता और उनके द्वारा दिखाए गए मूल्यों के बारे में बताती है। राम कथा का पाठ करना और सुनना हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। यह कथा हमें भगवान राम की महानता और उनके द्वारा दिखाए गए मूल्यों के बारे में बताती है। शक्ति बहुत अधिक है यह हमें भगवान राम की महानता और उनके द्वारा दिखाए गए मूल्यों के बारे में बताती है। उनके द्वारा दिखाए गए मूल्यों के बारे में बताती है।
ज्ञात हो कि श्री राम कथा के 1 दिन पूर्व 2100 से अधिक महिलाओं द्वारा पीले रंग का कलश अपने सिर के ऊपर रखकर कथा पंडाल तक आना और वह भी पीला वस्त्र धारण कर अपने आप में एक ऐतिहासिक पल का समय था। जिसे अनूपपुर नगर के लोगों ने फूल वर्षा कर धार्मिक कार्यक्रम का पुरजोर स्वागत किया। कलश यात्रा में आकर्षक झांकी एवं बजरंगबली के रूप में कलाकारों की भूमिका भी आकर्षण का केंद्र बनी रही।
बुधवार को शिव पार्वती विवाह महोत्सव
नौ दिवसीय श्री राम कथा में बुधवार को शिव पार्वती विवाह महोत्सव, 21 नंवबर को भगवान के अवतार की प्रकाट्य महोत्सव, 22 नंवबर को बाल लीला एवं अहिल्या उद्धार, 23 नंवबर को धनुष भंग एवं श्री सीताराम विवाह महोत्सव, 24 नंवबर को वन प्रदेश की मंगल यात्रा व केवट प्रेम, 25 नंवबर को भगवान के 14 निवास स्थान भरत जी का प्रेम, 26 नंवबर को शबरी प्रेम, नवधा भक्ति एवं हनुमान जी से मिलन तथा 27 नवंबर को सुंदरकांड एवं श्रीराम राज्याभिषेक का आयोजन होगा।
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(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला