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हावर्ड विश्वविद्यालय के लीडरशिप पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाएगी बिहार के शरद सागर की कहानी

शरद विवेक सागर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । बिहार के प्रसिद्ध सामाजिक उद्यमी शरद विवेक सागर को हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा नेतृत्व पर प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम नेतृत्व, उद्यमिता और शिक्षण में चित्रित किया गया है। सागर विश्व के 12 सामाजिक उद्यमियों में से एक हैं, जिनकी जीवनयात्रा को हार्वर्ड विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर एवं डॉक्टरेट के विद्यार्थियों को पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम में हार्वर्ड के प्रोफेसरों द्वारा शामिल किया गया है।

यह पाठ्यक्रम (जिसे हार्वर्ड कोर्स A608 के नाम से भी जाना जाता है) प्रोफेसर मोनिका सी. हिगिंस और डॉ. उचे अमेची द्वारा संयुक्त रूप से पढ़ाया जाता है। प्रोफेसर हिगिंस हार्वर्ड के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में शैक्षणिक नेतृत्व की कैथलीन मैककार्टनी प्रोफेसर हैं, जहां उनका शोध और शिक्षण नेतृत्व, उद्यमशीलता और संगठनात्मक परिवर्तन पर केंद्रित है। डॉ. अमेची हार्वर्ड में लीडिंग चेंज फाउंडेशन पाठ्यक्रम के अध्यक्ष हैं। कोर्स मॉड्यूल के अंतर्गत प्रोफेसर मोनिका हिगिंस और उचे अमेची ने हावर्ड विश्वविद्यालय के A608 आफ्टर आवर्स पॉडकास्ट में शरद सागर का साक्षात्कार किया, जिसमे सागर के जीवन, कार्य और यात्रा के बारे में समझा और और उसे रिकॉर्ड किया।

हार्वर्ड के अनुसार इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य आज की चुनौतियों से जूझने के लिए समर्पित नेतृत्व को प्रेरित करने, शिक्षित करने और प्रज्वलित करने के लिए सामाजिक क्षेत्र से प्रबुद्ध आवाज़ों को पाठ्यक्रम में लाना है। कोर्स के अंतर्गत 12 नायक जो विश्व में यह सबसे महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं उन्हें नेतृत्व पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया जाता है ताकि उनके जीवन यात्रा एवं उद्यमिता से हमारे विद्यार्थियों को सीखने का अवसर प्राप्त हो।

एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से शरद सागर ने बताया, “हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में शामिल होना मेरे लिए सम्मान की बात है।” बिहार के छोटे शहरों और गांवों में पले-बढ़े सागर ने 16 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना की। संगठन का लक्ष्य निम्न और मध्यम आयवर्ग से आने वाले किशोरों एवं युवाओं को प्रशिक्षित करना और उन्हें भारत की राष्ट्रीय यात्रा को शक्ति प्रदान करने के लिए स्कॉलर एवं लीडर के रूप में अपनी शैक्षणिक यात्रा का उपयोग करने में सक्षम बनाना है।

आज 16 वर्ष बाद संगठन से प्रशिक्षित युवाओं ने दुनिया भर के शीर्ष विश्वविद्यालयों से 275 करोड़ रुपये से भी अधिक की छात्रवृत्ति प्राप्त की है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के पटलों पर युवा राजदूतों के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार एवं फ़ेलोशिप जीती हैं, 1,000 से भी अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर-राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की है और कई सामाजिक परियोजनाओं का सृजन किया है। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी ने डेक्सटेरिटी को एक असामान्य संस्थान कहा, जबकि द टेलीग्राफ ने डेक्सटेरिटी से प्रशिक्षित किशोरों एवं युवाओं को भारत का भविष्य बताया। इस कार्य के लिए सागर और डेक्सटेरिटी को 2012 में रॉकफेलर फाउंडेशन ने “सदी के 100 सामाजिक नवप्रवर्तकों” की शताब्दी सूची में शामिल किया, 2016 में फोर्ब्स पत्रिका ने विश्व के 30 सबसे प्रभावशाली युवाओं की सूची में सूचीबद्ध किया और 2018 में इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ ने सागर को “क्वीन यंग लीडर्स” की सूची में शामिल किया।

हाल ही में अक्टूबर महीने में डेक्सटेरिटी ग्लोबल सुर्ख़ियों में था जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के आमंत्रण पर एक अनूठे एवं ऐतिहासिक क्षण में डेक्सटेरिटी के राष्ट्रीय स्कॉलर डेवलपमेंट प्रोग्राम से प्रशिक्षित 35 भारतीय विद्यार्थियों का व्हाइट हाउस में स्वागत किया गया। व्हाइट हाउस में चार उल्लेखनीय घंटों के दौरान, डेक्सटेरिटी के 35 ग्रेजुएट्स और फेलोज़ को वरिष्ठ व्हाइट हाउस नेतृत्व से बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ, जिसमें व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ जेफ ज़ाइंट्स भी शामिल थे। व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ के साथ बातचीत के बाद, समूह ने अमेरिकी ट्रेजरी में एक घंटे लंबी गहन चर्चा की, जहां उन्होंने प्रमुख अधिकारियों के साथ वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श किया। डेक्सटेरिटी के ग्रेजुएट्स और फेलोज़ की इस ऐतिहासिक यात्रा में व्हाइट हाउस के कई प्रतिष्ठित हॉल, कमरों और उद्यानों का विशेष दौरा भी शामिल था।

शरद सागर के कार्य एवं विचारों को विश्व स्तर पर सराहा गया है। 2016 में शरद सागर को नोबेल पीस सेंटर ने नोबेल पुरस्कार समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। सागर भारत के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में सबसे कम उम्र के और सबसे ज्यादा आमंत्रित विशेषज्ञों में से एक हैं। 24 वर्ष की आयु में फोर्ब्स ने उन्हें विश्व के 30 सबसे प्रभावशाली युवाओं की सूची में पहले बिहारी के रूप में शामिल किया। 2021 में सागर हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में छात्र संघ अध्यक्ष चुने जाने वाले पहले भारतीय बने। 2024 में सागर को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा यंग ग्लोबल लीडर घोषित किया गया। यह सम्मान प्राप्त करने वाले वह सबसे युवा भारतीय बने। सागर सामाजिक उद्यमिता और नेतृत्व के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान और उपलब्धियों के लिए मानद डॉक्टरेट प्राप्त करने वाले सबसे दुनिया के सबसे युवा लोगों में से एक हैं।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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