जयपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार की बजट घोषणा वर्ष 2024-25 की अनुपालना में राज्य में मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना लागू की गई है। योजना का उद्देश्य राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर को कम करना है।
प्रदेश में घटित सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर घायल व्यक्ति को न्यूनतम समय (गोल्डन ऑवर) में राज्य के निकटतम सरकारी एवं निजी चिकित्सा संस्थान (अस्पताल या ट्रोमा सेंटर आदि) पहुंचाने वाले भले व्यक्ति को राज्य सरकार 10 हजार की प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति पत्र देगी। इसके लिये मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना का गठन किया गया है। इस संबंध में वित्त विभाग ने घायल व्यक्तियों के जीवन रक्षा के परिप्रेक्ष्य में घायल व्यक्ति को न्यूनतम समय में चिकित्सकीय उपचार उपलब्ध कराने की दृष्टि से आमजन को प्रेरित करने के उद्देश्य से 21 अगस्त, 2024 को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
परिवहन आयुक्त ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संचालित इस योजना के लिए बजट परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के समर्पित सड़क सुरक्षा कोष द्वारा वहन किया जाएगा। घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाला भला व्यक्ति स्वेच्छानुसार अपनी पहचान आदि देने तथा योजना का लाभ लेने को तैयार होने पर अस्पताल के इमरजेंसी रूम में कार्यरत मेडिकल ऑफिसर द्वारा भले व्यक्ति का नाम, उम्र, लिंग, पता, मोबाइल नंबर, पहचान पत्र, बैंक डिटेल इत्यादि की जानकारी फॉर्म में दी जाएगी। मेडिकल ऑफिसर के अतिरिक्त संबंधित थानाधिकारी या उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा भी भले व्यक्ति को इस योजना का लाभ दिलाने की अनुशंसा निदेशक, जन स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को दुर्घटना के तीन दिन के अंदर की जाएगी।
सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को निकटतम राजकीय अथवा निजी अस्पताल में पहुंचाने वाले भले व्यक्ति के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने एवं उसकी इच्छानुसार तत्काल अस्पताल से जाने की अनुमति होगी। यदि घायल व्यक्ति गंभीर श्रेणी का है तो उसकी मदद करने वाले वाले भले व्यक्ति को दस हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। वहीं एक से अधिक भले व्यक्ति होने की स्थिति में सभी को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार राशि सभी को समान रूप से विभाजित की जाएगी। भले व्यक्ति द्वारा सामान्य घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने पर केवल प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / रोहित / संदीप