
जयपुर, 9 दिसंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह जयपुर में रेवेन्यू बोर्ड की स्थायी बेंच गठित करने के संबंध में दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन, जयपुर की ओर से पूर्व में दिए गए प्रतिवेदन को तय करे। सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिए।
जनहित याचिका में अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह राठौड ने बताया कि रेवेन्यू बोर्ड की जयपुर सर्किट बेंच में फिलहाल 17 हजार केस पेंडिंग हैं। जयपुर सर्किट बेंच को दस जिलों जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दूदू, दौसा, अलवर, कोटपूतली-बहरोड, सीकर, नीम का थाना, झुंझुनूं और खैरथल-तिजारा के मामलों की सुनवाई करने का क्षेत्राधिकार है। मौजूदा समय में जयपुर सर्किट बेंच महीने के दूसरे व चौथे सप्ताह में ही काम करती है। वहीं इस अवधि में भी खंडपीठ दो दिन की सुनवाई करती है। ऐसे में सीमित अवधि में मामलों की सुनवाई होने से उनकी पेंडेंसी भी लगातार बढ़ रही है। इससे पक्षकारों को न्याय मिलने में भी देरी हो रही है। याचिकाकर्ता बार एसोसिएशन ने जयपुर में रेवेन्यू बोर्ड की स्थाई बेंच गठित करने के लिए सीएम, राजस्व मंत्री व संबंधित विभाग को कई प्रतिवेदन दिए, लेकिन उन प्रतिवेदनों पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसके चलते ही याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर अदालत से जयपुर में रेवेन्यू बोर्ड की स्थाई बेंच गठित करने का आग्रह करना पड रहा है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में पेश प्रतिवेदन को तय करने के लिए कहा है।
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(Udaipur Kiran)
