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एसआई भर्ती को लेकर राज्य सरकार ने याचिकाकर्ताओं पर तथ्य छिपाने के लगाए आरोप

हाईकोर्ट जयपुर

जयपुर, 13 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट में गुरुवार को एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में राज्य सरकार की बहस अधूरी रही। इस पर जस्टिस समीर जैन ने मामले की सुनवाई शुक्रवार को तय की है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि एसओजी के एडीजी ने 13 अगस्त, 2024 को भर्ती निरस्त करने की सिफारिश अपने स्तर पर ही राज्य सरकार को भेजी थी। याचिकाकर्ताओं ने भी इसी दिन याचिका दायर की थी। जिसमें इस तथ्य की जानकारी दी गई। इसके अलावा कई सरकारी दस्तावेज भी याचिकाकर्ताओं के पास कैसे पहुंचे। याचिकाकर्ताओं ने न केवल अदालत से तथ्य छिपाए है, बल्कि याचिका दायर होने के दो माह तक केवल तारीखे लेते रहे। इसके अलावा इस तरह के गलत तथ्य पेश किए कि राज्य सरकार मामले में देरी कर रही है। जबकि एसओजी की रिपोर्ट के तुरंत बाद कमेटी गठित की गई और उसने दस दिन में ही दो बार मीटिंग भी की। इसके अलावा राज्य सरकार के खिलाफ याचिका तब ही दायर हो सकती है, जब सरकार ने कोई गलत निर्णय किया हो या निर्णय लेने की प्रक्रिया में कोई अनियमितता हुई हो। जबकि राज्य सरकार एसओजी की रिपोर्ट आने के तत्काल बाद ही हरकत में आ गई थी। राज्य सरकार ने ना केवल भर्ती परीक्षा को लेकर महाधिवक्ता से विधिक राय ले ली थी, बल्कि मंत्रियों की कमेटी भी बनाई। इस दौरान ही भर्ती में आरपीएससी सदस्यों की भूमिका सामने आने पर राज्य सरकार का गहन विचार-विमर्श चल रहा था, लेकिन उन्होंने इस याचिका के जरिए पूरी जांच प्रक्रिया में ही दखल दे दिया। याचिका अभी प्री-मैच्योर स्टेज पर है। गुरुवार को समयाभाव के चलते अदालत ने राज्य सरकार को आगे की बहस शुक्रवार को करने को कहा है।

जमानत याचिका खारिज- दूसरी ओर इस मामले में जस्टिस गणेश राम मीणा ने आरपीएससी के सदस्य रहे रामू राम राईका के बेटे देवेश, बेटी शोभा, अनिल सांखला, रितु शर्मा व अंकिता गोदारा की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। वहीं 23 अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं की सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी है।

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(Udaipur Kiran)

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