
धर्मशाला, 10 मई (Udaipur Kiran) । देश सेवा का जज्बा क्या होता है, यह सूबेदार मेजर पवन कुमार जरियाल की सोच से पता चलता है। अपने सैन्य सेवा काल की अंतिम पोस्टिंग पर तैनात पवन कुमार जरियाल ने अपनी चॉइस की जगह नहीं बल्कि देश सेवा के लिए खुद जम्मू कश्मीर बॉर्डर को चुना था।
गौर हो कि किसी भी सैनिक को अंतिम पोस्टिंग उसकी चॉइस के मुताबिक दी जाती है लेकिन वीर सपूत पवन कुमार ने अपनी अंतिम पोस्टिंग को एक ऐसी जगह चुनी जहां उन्होंने मां भारती के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान कर दिया। वह चाहते तो अपने सेवाकाल का अंतिम समय आराम से काट सकते थे लेकिन उनमें तो देश सेवा ही सर्वोपरि थी। 52 वर्षीय पवन कुमार 25 पंजाब रेजिमेंट में तैनात थे और इस समय जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्र पुंछ राजौरी में सूबेदार मेजर के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने इसी साल 31 अगस्त को सैन्य सेवा से सेवानिवृत होना था लेकिन शायद भाग्य को कुछ और ही मंजूर था। परिजन भी खुश थे के 31 अगस्त को पवन कुमार सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत होकर घर आएंगे। सेवानिवृत्ति को लेकर परिजनों ने तैयारी भी शुरू की थी। लेकिन ईश्वर को शायद कुछ और ही मंजूर था।
उधर बलिदानी जवान के पिता गरज सिंह भी सेना से ही हवलदार के पद से सेवानिवृत हुए हैं। बेटे के बलिदान पर उनका सीना फ़ख्र से चौड़ा है। वह गर्व से कह रहे हैं कि मेरे बेटे ने देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान किया है। उनका कहना है कि मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने भारत माता की रक्षा में अपना बलिदान दिया है।
मुख्यमंत्री ने फ़ोन पर की बलिदानी के पिता से बात
उधर स्थानीय विधायक एवं उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने बलिदानी पवन कुमार के बलिदान पर गर्व जताते हुए उनके पिता और अन्य परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने कहा कि बलिदानी पवन कुमार के देश सेवा के जज्बे को सलाम करते हैं कि अपनी अंतिम पोस्टिंग में भी उन्होंने बॉर्डर को चुना।
इस दौरान पठानिया ने बलिदानी के पिता की मुख्यमंत्री से भी बात करवाई जिन्होंने बलिदानी परिवार को हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने बलिदानी के पिता को संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि वीरभूमि हिमाचल के कांगड़ा जिला के शाहपुर से पवन कुमार ने देश सेवा में अपना बलिदान दिया है।
रविवार को पंचतत्व में विलीन होंगे बलिदानी पवन
पाकिस्तानी गोलीबारी में बलिदान देने वाले सूबेदार मेजर पवन कुमार का अंतिम संस्कार कल रविवार को किया जाएगा। बलिदानी पवन का पार्थिव शरीर आज देर रात करीब दो बजे के करीब उनके पैतृक गांव पंहुचेगा।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया
