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नई दिल्ली, 23 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विश्व में शांति, समृद्धि और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए आध्यात्मिक मूल्यों, आत्म-अनुशासन और नैतिक जीवन को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत विश्व में आध्यात्मिक ज्ञान के क्षेत्र में हमेशा से अग्रणी रहा है और इन शाश्वत शिक्षाओं को संरक्षित करना राष्ट्रीय प्रगति और मानव कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है।
बिरला ने यह टिप्पणी द्वारकेश भगवान बाहुबली महामस्तकाभिषेक महोत्सव समिति द्वारा यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में आयोजित भगवान बाहुबली महामस्तकाभिषेक समारोह में मुख्य भाषण देते हुए की। इस आध्यात्मिक समागम में संत, विद्वान और गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए जिन्होंने वर्तमान समय में आस्था, विश्वास और धर्मपरायणता के महत्व पर बल दिया ।
बिरला ने अशांति, मतभेद और अन्य सामाजिक चुनौतियों के समाधान के लिए आध्यात्मिकता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2500 साल पहले भगवान महावीर द्वारा दी गई शिक्षाएं आज भी अत्यंत प्रासंगिक हैं।
उन्होंने पूरे देश में भगवान महावीर के संदेश का प्रचार-प्रसार करने में संतों और आध्यात्मिक नेताओं द्वारा निभाई जा रही भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि उनका ज्ञान और मार्गदर्शन समाज को नई दिशा प्रदान करता है तथा सकारात्मकता और नई ऊर्जा का संचार करता है।
अपने संबोधन के दौरान बिरला ने वर्तमान महाकुंभ महोत्सव का भी उल्लेख किया, जहां लाखों भक्तों ने सहस्राब्दियों पुरानी पावन आध्यात्मिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाई। उन्होंने कहा कि इस तरह के आध्यात्मिक समारोह हमारी आस्था और सामूहिक चेतना के परिचायक हैं।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
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