गोपेश्वर, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा की बदहाल स्थिति का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भी दूर-दराज क्षेत्र के लोग सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में कठिनाई भरा जीवन यापन करने को मजबूर हैं। ऐसी ही एक घटना चमोली जिले के देवाल ब्लाक के अनुसूचित जाति बाहुल्य ऐराठा गांव की है, जहां एक 55 वर्षीय महिला का स्वास्थ्य खराब होने की दशा में बुधवार को उसे डंडी के सहारे बीहड़ खतरनाक रास्ते से पैदल अस्पताल लाए।
मंगलवार की रात ऐराठा गांव की 55 वर्षीय रधुली देवी पत्नी प्रेम राम की अचानक तबियत खराब होने लगी। रात किसी तरह गुजारी और बुधवार को डंडी में रखकर ग्रामीणों ने पांच किलोमीटर उबड़-खाबड़ रास्ते से सड़क मार्ग देवसारी पुल तक पहुंचाया, जहां महिलाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दिखाने के बाद ऋषिकेश एम्स ले गए। देवाल से ऐराठा के लिए वन विभाग का रास्ता है, जो देवसारी तक चलने लायक नहीं है। ग्रामीणों ने इस पैदल मार्ग को ठीक करने के लिए कई बार वन विभाग से गुहार लगाई, लेकिन अभी तक मार्ग का सुधारीकरण नहीं हो पाया। ऐराठा गांव से 20 बच्चे देवाल पढ़ने जाते हैं। रास्ता क्षतिग्रस्त होने से सभी बच्चों के अभिभावकों ने देवाल में किराए पर कमरा लेकर रह रहे हैं। गांव के लिए मोटर मार्ग नहीं है।
महिला को सड़क मार्ग तक पहुंचाने लाए गणेश राम, प्रताप राम, लक्ष्मण टम्टा, सुरेश, कैलाश राम, रमेश राम, धनीराम आदि का कहना है कि गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। वन विभाग की ओर से पैदल रास्ते का निर्माण किया गया है, जो इस बरसात में कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो रखा है। ऐसे में इस मार्ग पर चलना जान जोखिम में डालने वाला है। वन विभाग से कई बार मार्ग को ठीक करने की गुहार लगाई गई, मगर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल