West Bengal

कुलतली में खौफ फैलाने वाला बाघ पिंजरे में कैद, बकरी के चारे से पकड़ा गया

पकड़ा गया बाघ

कोलकाता, 11 फरवरी (Udaipur Kiran) ।

दक्षिण 24 परगना के कुलतली में दहशत फैलाने वाला रॉयल बंगाल टाइगर आखिरकार पकड़ लिया गया। मंगलवार तड़के 3:30 बजे वन विभाग की टीम ने उसे पिंजरे में कैद कर लिया। सोमवार को इस बाघ ने एक वनकर्मी पर हमला कर उसके गर्दन पर काट लिया था और जंगल में भाग गया था।

बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने कुलतली के एक सब्जी खेत में दो पिंजरे लगाए थे और उसमें बकरी को चारा के रूप में रखा गया था। तड़के 3:32 बजे बाघ उस चारे के झांसे में आकर पिंजरे में फंस गया। वन विभाग के अनुसार, सबसे पहले बाघ की स्वास्थ्य जांच कराई जाएगी और फिर उसे जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया जाएगा। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला तो मंगलवार को ही बाघ को किसी घने जंगल में छोड़ा जा सकता है।

रविवार शाम से ही कुलतली के मैपिथ-बैकुंठपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में बाघ के देखे जाने की खबरें फैलने लगी थीं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्होंने इलाके में एक बाघ को घूमते देखा था। एक युवक ने दावा किया कि उसने श्मशान घाट के पास बाघ को टहलते हुए देखा। यह खबर फैलते ही गांव वाले लाठी-डंडे लेकर जंगल की ओर बढ़े। वहां उन्होंने बाघ के ताजे पैरों के निशान भी देखे और तुरंत वन विभाग को सूचना दी। पुलिस को भी इस बारे में जानकारी दी गई।

रविवार रात को ही वन विभाग ने गांव की ओर जाने वाले रास्ते को नायलॉन की जाल से घेर दिया ताकि बाघ आबादी में प्रवेश न कर सके। सोमवार सुबह यह स्पष्ट हुआ कि बाघ जाल के आसपास ही कहीं मौजूद था। वनकर्मी जब उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, तभी बाघ ने अचानक उन पर हमला कर दिया। वनकर्मी गणेश श्यामल पर बाघ ने झपट्टा मारा और उसकी गर्दन को अपने जबड़े में दबा लिया। हालांकि, बाकी वनकर्मियों की तत्परता से गणेश को बचा लिया गया और बाघ जंगल में भाग गया। घायल वनकर्मी को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बाघ को पकड़ने की खबर मिलते ही मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में लोग खेत में इकट्ठा हो गए, जहां उसे कैद किया गया था। वन विभाग की डीएफओ निशा गोस्वामी ने बताया कि बाघ को सुरक्षित पिंजरे में कैद कर लिया गया है। अब उसकी प्रारंभिक जांच की जाएगी और डॉक्टरों की सलाह के बाद उसे जंगल में छोड़ने का फैसला लिया जाएगा। हालांकि, उसे कहां छोड़ा जाएगा, इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।

वन अधिकारियों के अनुसार, पकड़ा गया बाघ एक पूर्ण वयस्क नर है और उसकी उम्र लगभग 10 साल बताई जा रही है। पिंजरे में रखे गए चारे के तौर पर रखी गई बकरी को बाघ ने आंशिक रूप से खाया था।

बाघ जंगल से बाहर क्यों आया, इस बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। डीएफओ के अनुसार, इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे बाघ की उम्र ज्यादा होने पर वह जंगल से बाहर निकल सकता है या फिर जंगल में अन्य बाघों के बीच संघर्ष होने की स्थिति में भी ऐसा हो सकता है। जंगल में बाघों की संख्या बढ़ने पर भी कुछ बाघ बाहर निकलने लगते हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सोमवार की घटना के बाद वनकर्मियों का मनोबल प्रभावित हुआ था, लेकिन टीम ने मिलकर बाघ को सफलतापूर्वक पकड़ लिया।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

Most Popular

To Top