Uttrakhand

खलंगा युद्ध की गाथा हमेशा हमें देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगी: मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री धामी सागरताल नालापानी बलभद्र खलंगा मेला में।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून स्थित सागरताल नालापानी बलभद्र खलंगा मेला में प्रतिभाग करते।

-मुख्यमंत्री ने ’50वां खलंगा मेला स्मारिका’ का भी किया विमोचन

देहरादून, 1 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि खलंगा की गाथा हमारे वीर पूर्वजों के अप्रतिम साहस और हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। ये युद्ध हमारे वीर गोरखा योद्धाओं के अदम्य साहस और मातृभूमि के प्रति उनके असीम प्रेम के समर्पण काे दर्शाता है, जो हमेशा हमें देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। खलंगा मेला पूर्वजों की वीरता और अदम्य साहस को स्मरण करने का अवसर भी है।

रविवार को सागरताल नालापानी में बलभद्र खलंगा विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित ’50वां खलंगा मेला’ काे संबाेधित कर रहे थे। इस माैके पर मुख्यमंत्री धामी ने महान सपूत सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर साथियों व वीरांगनाओं को नमन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खलंगा मेला आयोजन समिति को पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने 50वां खलंगा मेला पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि खलंगा की वीरभूमि में वर्ष 1814 के एंग्लो-गोरखा युद्ध में सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस युद्ध में कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने ब्रिटिश सैनिकों की विशाल सेना का सामना करते हुए अपनी वीरता और रणनीतिक कौशल से ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया था। उन्होंने कहा कि ये मेला हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजते हुए उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक माध्यम है। हमारे देश की ऐतिहासिक धरोहरें हमारे गौरवमयी अतीत की पहचान होने के साथ हमारे संस्कृति रूपी वट वृक्ष की मजबूत जड़ें भी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी संस्कृति को मजबूत करने का कार्य पूरे देश में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकास के साथ विरासत को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। खलंगा युद्ध स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में रखना, इसका बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोरखा समाज के उत्थान के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है और उनके विकास व कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। निश्चित ही ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को इन गोरखा समाज की परंपराओं को संजोए रखने और अपने पूर्वजों की वीरता और बलिदान को याद रखने में सहायक सिद्ध होंगे।

इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, बलभद्र ख़लंगा विकास समिति के अध्यक्ष कर्नल विक्रम सिंह थापा, कुलदीप बुटोला, विश्वास डाबर, विजय बलूनी, पदम सिंह और ब्रिगेडियर राम सिंह थापा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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