पटना, 11 सितम्बर (Udaipur Kiran) । सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी बसावटों तक सड़क-सम्पर्कता सुनिश्चित कराने तथा ग्रामीण सड़कों के बेहतर रख-रखाव के मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के आलोक में बुधवार को मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में ग्रामीण कार्य विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक सम्पन्न हुयी। जिसमें ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित इस विभाग के सभी वरीय पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में मुख्य सचिव द्वारा पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि अधीन करीब 65000 किलोमीटर ग्रामीण पथों का 15 दिनों में अभियान चलाकर निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। बैठक में यह कहा गया कि पथ अनुरक्षित नहीं पाये जाते हैं, तो उनसे संबंधित संवेदकों / अभियंताओं के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई करना सुनिश्चित करे। जो संवेदक पथों की गुणवता में चूक करते पाये जायें, उनके विपत्रों से दण्ड स्वरूप कटौती की जाये एवं ‘बिहार ठेकेदारी निबंधन नियमावली’ के अन्तर्गत उन्हें डिबार किया जाये।
बैठक के दौरान विभाग को निदेशित किया गया कि स्वतंत्र रूप से जांच के लिए जिलाधिकारी उक्त पथों की सूची उपलब्ध करा कर उन्हें अपने स्तर से प्रत्येक बुधवार / गुरुवार को अभियान चला कर बीआरआरएमएस मोबाइल एप्प से अन्य विभागों के अभियंताओं से जांच कराकर फीडबैक प्राप्त करे।
बैठक में निदेशित किया गया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजनान्तर्गत अतिआवश्यक पुलों को चिन्हित कर प्राथमिकता के आधार पर चयन कर चरणबद्ध तरीके से स्वीकृत करा कर शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाए। सीपीडब्लूडी एवं अन्य राज्यों से ठीकेदार नियमावली प्राप्त कर ग्रामीण कार्य विभाग के लिए ‘संशोधित बिहार ठेकेदारी निबंधन नियमावली’ का प्रारूप एवं प्रस्ताव तैयार कर अग्रेतर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी