काठमांडू, 29 जनवरी (Udaipur Kiran) । नेपाल सरकार के सोशल मीडिया संबंधी विधेयक का सत्तारूढ़ दल ने विरोध शुरू कर दिया है। सत्तारूढ़ दल के साथ ही तमाम पत्रकार संगठनों और नागरिक समाज ने भी इस विधेयक के कुछ प्रावधानों पर गंभीर आपत्ति जताई है।
सत्तारूढ़ दल नेपाली कांग्रेस के महामंत्री विश्वप्रकाश शर्मा ने सरकार के इस विधेयक को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज की है। काठमांडू में बुधवार को पत्रकार सम्मेलन में शर्मा ने कहा कि इस विधेयक को लाने से पहले सत्तारूढ़ दल में कोई विचार विमर्श नहीं किया जाना दुखद है। उन्होंने कहा कि नेपाली कांग्रेस हमेशा ही विचारों की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पक्षधर रही है। इसलिए सरकार की ओर से प्रस्तावित विधेयक का पूरी तरह से समर्थन नहीं किया जा सकता है। शर्मा ने यह भी कहा कि इस प्रस्तावित विधेयक में कई ऐसे प्रावधान हैं, जो संविधान से प्रदत्त नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन करते हैं।
विश्वप्रकाश शर्मा ने यह भी कहा कि इस विधेयक को तत्काल वापस करते हुए पहले गठबंधन दलों के भीतर चर्चा की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री केपी ओली पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के महामंत्री ने कहा कि यदि इसी तरह से एकतरफा फैसला लिया जाता रहा तो इससे प्रधानमंत्री की मुश्किलें बढ़ सकती है।
नेपाल सरकार की तरफ से मंगलवार को संसद सचिवालय में सोशल मीडिया संबंधी एक विधेयक को संसद के इसी सत्र में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इस विधेयक में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की बात कहते हुए नेपाल के सभी पत्रकार संगठनों और नागरिक समाज की तरफ से भी बयान जारी कर विरोध किया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास