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भगवान महाकाल की शाही सवारी सोमवार को, सात स्वरूपों में अपने भक्तों को देंगे दर्शन

उज्जैनः शाही ठाट-बाट के साथ निकली बाबा महाकाल की सवारी, छह स्वरूपों में दिए दर्शन

उज्जैन, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में सोमवार, 02 सितम्बर को सातवीं और अंतिम शाही सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। इस दौरान अवंतिकानाथ पालकी में सवार होकर नगर का भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे। इस दौरान भगवान महाकाल सात स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। रजत पालकी में चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, घटाटोप मुखोटा स्वरुप व सप्तम सवारी में सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि भगवान महाकाल की शाही सवारी सोमवार शाम चार बजे महाकालेश्वर मंदिर से निकलेगी। सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन होने के पश्चात रजत पालकी में विराजित होकर अपनी प्रजा के हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जाएगी।

चन्द्रमौलेश्वर की पालकी अपने निर्धारित समय शाम चार बजे से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहारवाड़ी, हरसिद्धी पाल से रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर पालकी में विराजित भगवान चंद्रमोलीश्वर एवं गजराज पर आरूढ़ मनमहेश के माँ क्षिप्रा के तट पर पूजन-अर्चन होगा। इसके बाद प्रमुख सवारी रामानुजकोट, बंबई वाले की धर्मशाला, गणगौर दरवाजा, खाती समाज का जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, कमरी मार्ग, टंकी चौराहा, तेलीवाडा, कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक, गोपाल मंदिर पर पहुंचेगी, जहाँ सिंधिया स्टेट द्वारा पररम्परानुसार पालकी में विराजित भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया जायेगा। उसके बाद सवारी पटनी बाज़ार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा होते हुए मंदिर परिसर में पहुंचेगी।

सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि सवारी मार्ग में सडक की ओर व्यापारीगण भट्टी चालू न रखें और न ही तेल का कढाव रखें। दर्शना‍र्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खडे रहें। दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें। श्रद्धालु सवारी के दौरान सिक्के, नारियल, केले, फल आदि न फैंकें। सवारी के बीच में प्रसाद और चित्र वितरण न करें। इसके अलावा पालकी के आसपास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें। भगवान महाकालेश्वर की सवारी का सजीव प्रसारण महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के फेसबुक व यूट्यूब पेज पर भी किया जाएगा।

भगवान महाकालेश्वर की शाही सवारी में शामिल होंगे केन्द्रीय मंत्री सिंधिया

केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को भगवान महाकालेश्वर की शाही सवारी में शामिल होंगे। निर्धारित कार्यक्रम अनुसार वे दिल्ली से विमान द्वारा शाम चार बजे इन्दौर आएंगे। इसके पश्चात वे सड़क मार्ग से इन्दौर से उज्जैन के लिये प्रस्थान करेंगे। यहां सिंधिया भगवान महाकालेश्वर की शाही सवारी में सम्मिलित होंगे। इसके पश्चात वे शाम 6.30 बजे उज्जैन से इन्दौर के लिये प्रस्थान करेंगे।

शाही सवारी के चल समारोह का स्वरुप इस प्रकार रहेगा

भगवान महाकाल की शाही सवारी के चल समारोह में सबसे आगे मंदिर का प्रचार वाहन चलेगा। उसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, भगवान महाकालेश्वर का रजत ध्वज, घुडसवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट/गाइड सदस्य, कांग्रेस सेवा दल, सेवा समिति बैंड के बाद उज्जैन के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों से परंपरागत रूप से सवारी सम्मिलित होने वाली 70 भजन मंडलियां चल समारोह में प्रभु का गुणगान करते हुए व अपनी सेवाए देती हुई चलेंगी। भजन मंडलियों के बाद नगर के साधू-संत व गणमान्य नागरिक, पुलिस बैंड, नगर सेना के सलामी गार्ड की टुकड़ी, महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी व पुरोहितगण सवारी के साथ रहेगे। उनके बाद महाकालेश्वर भगवान (चंद्रमौलेश्वर) की प्रमुख पालकी, भारत बैंड, गरुड़ रथ पर शिव-तांडव, रमेश बैंड, नंदी रथ पर उमा महेश स्वरुप, गणेश बैंड, रथ पर होल्कर स्टेट मुखारविंद, आर.के.बैंड, रथ पर घटाटोप, रथ पर सप्तधान मुखारविंद के पश्यात राजकाल म्युजिकल ग्रुप बैंड व मनमहेश स्वरुप हाथी पर विराजित होंगे।

सवारी के साथ एम्बुलेंस, विद्युत मंडल का वाहन, फायर ब्रिगेड आदि भी सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण सवारी मार्ग में साथ मे चलेंगे, साथ ही सवारी मार्ग ओर अलग-अलग स्थानों पर भी व्यवस्था रहेगी। डिंडोरी जिले का आदिवासी धुलिया जनजाति गुदुम बाजा लोक नर्तक दल महाकालेश्वर भगवान की सप्तम सवारी में सम्मिलित होंगे। सवारी में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशानुरूप जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मप्र संस्कृति परिषद के माध्यम से भगवान महाकालेश्वर की सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल भी सहभागिता करेगा।

(Udaipur Kiran) तोमर

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