
शिमला, 14 अप्रैल (Udaipur Kiran) । ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि आपदा की घड़ी में सबसे पहले अग्निशमन विभाग के जवान ही मौके पर पहुंचते हैं और अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाते हैं। यह सराहनीय और साहसिक सेवा है, जिसे हर किसी को समझने और सम्मान देने की जरूरत है। वे सोमवार को शिमला के बल्देयां स्थित फायर ट्रेनिंग सेंटर में फायर सर्विस डे के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय पुष्पांजलि समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
मंत्री ने कहा कि 14 से 20 अप्रैल तक फायर सर्विस वीक मनाया जा रहा है जिसकी शुरुआत 1944 में बॉम्बे डॉक्स में लगी आग में शहीद हुए अग्निशमन कर्मियों की स्मृति में की गई थी। उन्होंने कहा कि अग्निशमन विभाग की चुनौतियों को समझना चाहिए क्योंकि सीमित संसाधनों में भी ये कर्मठ जवान हर आपदा में डटकर सेवा देते हैं।
बल्देयां में लगेगा फायर हाईड्रेन्ट, मिलेगा अतिरिक्त स्टाफ
मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने घोषणा की कि बल्देयां पंचायत में एक फायर हाईड्रेन्ट स्थापित किया जाएगा ताकि जंगलों में आगजनी की स्थिति से शीघ्र निपटा जा सके और अग्निशमन वाहनों को शिमला या संजौली से पानी लाने की जरूरत न पड़े। इसके लिए आवश्यक बजट और अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था भी की जाएगी।
ट्रेनिंग सेंटर को दी जाएगी जमीन, बनेगा संग्रहालय
उन्होंने यह भी कहा कि फायर ट्रेनिंग सेंटर के लिए भूमि हस्तांतरण के लिए एफआरए के तहत प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि यह ज़मीन विभाग के नाम हो सके और यहां विशेष प्रशिक्षण की सुविधाएं विकसित की जा सकें। साथ ही, उन्होंने आर्मी की तर्ज पर एक संग्रहालय बनाने का सुझाव दिया, जो न केवल अग्निशमन सेवाओं के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करेगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
प्रदर्शनी व डेमो से दिखाया कौशल
समारोह में अग्निशमन उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसका शुभारंभ मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने किया। इसके बाद जवानों ने विभिन्न अग्निशमन अभियानों का प्रदर्शन कर अपनी क्षमताओं का परिचय दिया।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
