Uttar Pradesh

70 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों का तेजी से बन रहा कार्ड

आयुष्मान भारत

-सरकारी ही नहीं, निजी 22 चिह्नित अस्पतालों में भी हो गई है आयुष्मान कार्ड बनाने की सुविधा

-2018 में हुई थी योजना की शुरुआत, अब तक 54 हजार लोग अयोध्या में करा चुके हैं इलाज

अयोध्या, 14 फ़रवरी (Udaipur Kiran) ।आयुष्मान योजना का अयोध्या जिले के लाभार्थी भरपूर लाभ उठा रहे हैं। सरकारी ही नहीं निजी चिकित्सालयों में भी इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। वर्तमान में योजना के तहत अब 70 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग के लोगों का भी आयुष्मान कार्ड बनना शुरू हो गया है। डबल इंजन की सरकार के नेतृत्व में जिले में अब तक 9483 वरिष्ठ नागरिकों का आयुष्मान कार्ड बन चुका है। इन्हें अब पांच लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा मिलने लगेगी।

70 वर्ष या इससे अधिक उम्र वालों के लिए दिसम्बर 2024 में आयुष्मान कार्ड बनाने की योजना आई थी। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को सिर्फ अपना आधार कार्ड दिखाना है। कार्ड में जन्म तिथि अगर 1954 है तो आयुष्मान कार्ड बनने के पात्र हो जाएंगे। ऐसे बुजुर्ग अपने आस-पास किसी भी स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचकर आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। प्रदेश की योगी सरकार लगातार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कार्ड बनाने के लिए निर्देशित करती रहती है। शासन से मिले निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रक्रिया शुरू करते हुए यहां विशेष शिविर व स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से अब तक 9 हजार से अधिक कार्डो को बनाया जा चुका है।

जिले में 2018 में हुई थी योजना की शुरुआत

आयुष्मान योजना की शुरुआत जिले में सितंबर 2018 में हुई थी। तब से लेकर अब तक 9.91 पात्रों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है। इस योजना के तहत अब तक 53790 मरीजों ने अस्पतालों में उपचार कराया है। इसके अलावा अब तक कई मरीज जिले के बाहर के अस्पतालों में भी इलाज करा चुके हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पुष्पेंद्र कुमार बताते हैं कि हमारी कोशिश है कि सभी पात्रों का आयुष्मान कार्ड बन जाये। इसके लिए मातहतों को समय-समय पर निर्देशित भी किया जाता रहता है।

भर्ती होने वाले मरीजों को ही मिलता है इसका लाभ

आयुष्मान कार्ड का उपयोग ओपीडी में इलाज कराने के लिए नहीं होता है। इस योजना का लाभ सिर्फ भर्ती मरीजों को ही मिलता है। इसके लिए 24 घंटे से अधिक समय तक भर्ती होना जरूरी है। हालांकि आई ऑपरेशन में यह नियम लागू नहीं होता है। इसमें पांच लाख रुपये तक कैसलेश इलाज की सुविधा मिलती है। इलाज के बाद सात दिन की मरीजों को दवा भी दी जाती है।

(Udaipur Kiran) / पवन पाण्डेय

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