
जयपुर, 12 मई (Udaipur Kiran) । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि पहलगाम हमले के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकवादियों को सबक सिखाने के साथ आतंक के प्रशिक्षण केंद्रों को ध्वस्त करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। इतना ही नहीं, पाक की सीमा में घुसकर आतंकवादियों को पैदा करने वालों को भी नेस्तनाबूद कर दिया। भारतीय सेना की कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी, इसी के चलते ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया और अभी भी जारी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि देश के शीर्ष नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान ने घुटने टेकते हुए चर्चा के लिए समय मांगा और हमारे नेतृत्व ने चर्चा के लिए समय दिया है। इसमें किसी की भी मध्यस्ता नहीं की गई। भारत का मकसद आतंकवादियों को सबक सिखाने का था और अपने मकसद में भारतीय सेना शत प्रतिशत सफल हुई। हालात यह हो गए कि जो बच गए, वो भी मौत मांग रहे है। ऑपरेशन सिंदूर चलाकर भारतीय सेना ने आतंकवादी, आतंकवादियों के प्रशिक्षण केंद्र और आतंकियों को पनाह देने वालों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत करीबन 100 से अधिक आतंकियों को मारा गया है। राठौड़ ने कहा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता नहीं है, ऐसे में भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर जारी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि पाकिस्तान ने नापाक हरकतों को अंजाम देते हुए भारत में आम लोगों को शिकार बनाया है। हालांकि भारतीय सेना ने उनके ड्रोन हमलों को भारतीय जमीन पर गिरने से पहले ही नष्ट कर दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एयरबेस को भी ध्वस्त करने का ऐतिहासिक काम किया। राठौड़ ने ऑपरेशन सिंदूर चलाने का उद्देश्य एक बार फिर स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य आतंकवाद है और रहेगा। ऐसे में विपक्ष को धैर्य रखने की भी जरूरत है। प्रश्न करना विपक्ष का अधिकार है लेकिन आलोचना करना सही नहीं है। राठौड़ ने कहा कि देश की कुटनीतियों को उजागर किया जाए, यह भी जरूरी नहीं है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कंवरलाल मीणा की विधायकी के सवाल का जवाब में कहा कि कितने आश्यर्च की बात है कि कांग्रेस कंवरलाल मीणा की विधायकी पर सवाल कर रही है, जबकि एक विधायक 20 लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाता है और कांग्रेस पार्टी का एक भी नेता इस पर कुछ भी नहीं बोलता। क्या यह कांग्रेस का आपसी समझौता है, या मिलीभगत है या फिर बीएपी पार्टी से उनकी आपसी दोस्ती के चलते चुप्पी साधे हुए है। कांग्रेस को यह भी स्पष्ट कर देना चाहिए।
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(Udaipur Kiran)
