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नए कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को सरल, तेज और अधिक जनोन्मुखी बनाना है : अमित शाह

गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आपराधिक कानूनों पर समीक्षा बैठक

-नए कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा छत्तीसगढ़ : विष्णु देव साय

रायपुर, 21 अप्रैल (Udaipur Kiran) । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को सरल, तेज और अधिक जनोन्मुखी बनाना है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से समन्वय और तत्परता की अपेक्षा जताई। शाह साेमवार काे नई दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को लेकर राज्य की

प्रशासनिक और तकनीकी तैयारियों की समीक्षा और कर रहे थे।

केंद्रीय गृहमंत्री शाह की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में हुई इस बैठक में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन और नक्सलवाद के उन्मूलन, बस्तर के समग्र विकास और राज्य में सुरक्षा व न्याय तंत्र को और अधिक सशक्त बनाने पर भी चर्चा हुई। इसमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर चर्चा की गई। साथ ही पुलिस, जेल, अदालतों, अभियोजन और फोरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के अब तक किए गए कार्यों की सराहना करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने शीघ्र नए क़ानूनों को राज्य में शत प्रतिशत लागू करने पर बल दिया। इससे पूर्व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने साेमवार काे नई दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

मुख्यमंत्री साय ने बैठक में बताया कि छत्तीसगढ़ में नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रशासनिक व तकनीकी तैयारियाँ पूरी की जा चुकी हैं। राज्य में 27 प्रकार की एसओपी (Standard Operating Procedures) और दिशा-निर्देश तैयार कर लागू किए गए हैं। इसके साथ ही लगभग 37,385 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। न्यायालयों, पुलिस थानों और जेलों को ई-साक्ष्य और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम से लैस किया गया है। राज्य में अब तक 53,981 एफआईआर नए कानूनों के तहत दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें से लगभग 50 फीसद मामलों में चालान प्रस्तुत हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए भी विशेष रणनीति पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में राज्य में चलाए गए ऑपरेशनों में कई वांछित नक्सली मारे गए, गिरफ्तार हुए या आत्मसमर्पण कर चुके हैं। नियद नेलानार योजना, बस्तर ओलंपिक, महिला सुरक्षा केंद्र, और आदिवासी क्षेत्रों में होमस्टे व पर्यटन ढांचे का विकास जैसे प्रयासों से युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का सार्थक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार वर्ष 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने के लिए कटिबद्ध है और बस्तर को भारत के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

उन्हाेंने यह भी आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पूरी निष्ठा से पालन करेगा और देशभर में कानूनी सुधार की इस पहल को प्रभावी ढंग से लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

बैठक में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा सहित मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, पुलिस महानिरीक्षक सुशील द्विवेदी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, प्रमुख सचिव विधि रजनीश श्रीवास्तव, सचिव गृह, नेहा चंपावत सहित अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

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(Udaipur Kiran) / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल

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