
जींद, 14 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राजनीतिक छिंटाकशी की बजाए सरकार को हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी, खाली पड़े लाखों पदों, बिगड़ती कानून व्यवस्था और विकास के गिरते स्तर के बारे में बात करनी चाहिए। प्रधानमंत्री को बताना चाहिए था कि कैसे प्रदेश की बीजेपी सरकार ने हरियाणा को विकास में नंबर वन के पायदान से धकेलकर गर्त में पहुंचा दिया है। कौशल रोजगार निगम के कर्मियों को काम से निकाले जाने को हुड्डा ने बीजेपी की वादा खिलाफी करार दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोमवार को बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और संविधान निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया। हुड्डा ने कहा कि बाबा साहेब ने समाज को शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो का मूल मंत्र दिया था।
इस मंत्र को हमें कभी भूलना नहीं चाहिए। उनकी दी गई सीख और उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढ़कर ही देश व समाज तरक्की कर सकता है। हुड्डा ने कहा कि उनके पिता स्व. रणबीर सिंह हुड्डा ने भी बाबासाहेब की अध्यक्षता में बतौर सदस्य संविधान निर्मात्री समिति में कार्य किया था। जिस संविधान पर बाबा साहेब की हस्ताक्षर हैं, उसपर उनके स्व. पिता के भी हस्ताक्षर हैं। यह उनके लिए गर्व का विषय है। इसीलिए संविधान और बाबा साहेब से जुड़ी स्मृतियों के साथ हमेशा हुड्डा परिवार का विशेष निजी लगाव भी रहा है।
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हुड्डा ने प्रधानमंत्री के भाषण पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सभी कौशल कर्मियों को सरकार ने पक्का करने का वादा किया थाए लेकिन तीसरी बार सरकार बनते ही बीजेपी ने युवाओं को बेरोजगारी के दलदल में धकेलने का काम शुरू कर दिया। कौशल कर्मियों समेत बीजेपी ने हरेक वर्ग से किए गए अपने चुनावी वादों को भुला दिया। विनेश फोगाट द्वारा इनाम राशि की मांग को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जायज बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन देने के लिए पद और उचित इनाम देने की नीति बनाई थी। बेमौसमी बारिश के चलते गेहूं में नमी की मात्रा बढऩे से किसानों की परेशानियां भी बढ गई हैं। सुखी गेहूं मे भी 13 से 15 प्रतिशत नमी आ रही है। किसानों और आढ़तियों की ओर 12 प्रतिशत नमी की छूट को 2 प्रतिशत और बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने की मांग उठाई गई है।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
